Political News: पाकिस्तान अपने क्षेत्र से संचालित आतंकवादी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में विफल रहा है- लोक सभा अध्यक्ष

Political News: लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि, “भारत ऐसी निष्पक्ष और विधिसम्मत वैश्विक व्यापार प्रणाली का समर्थन करता है  जो ग्लोबल साउथ की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पर्याप्त रूप से मुखरित  करती हो।” बिरला ने कहा कि “भारत ब्रिक्स संसदीय मंच को एक महत्वपूर्ण मंच मानता है, जहाँ हम साझे प्रयासों और परस्पर संवाद के माध्यम से आर्थिक विकास की रूपरेखा को पुनःपरिभाषित कर सकते हैं। यह मंच आपसी सहयोग, एकजुटता और हमारे नागरिकों के कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।” बिरला ने कहा कि, “वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारत का मानना है कि इसे और मजबूत करने के लिए, हमें ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार, निवेश और वित्तीय सहयोग को बढ़ाना चाहिए।” ओम बिरला ने यह भी कहा कि, “हम ब्रिक्स ग्रुप के विस्तार का स्वागत करते हैं। इससे हमारा परस्पर सहयोग और अधिक समावेशी और प्रभावशाली होगा ।”

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बिरला ने ब्रासीलिया, ब्राजील में ब्रिक्स संसदीय मंच के दूसरे कार्य सत्र को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां कीं। इस कार्य सत्र का विषय था ‘आर्थिक विकास के नए रास्तों की तलाश में ब्रिक्स देशों की संसदों की कार्रवाई ।’  ओम बिरला ने कहा कि, “पिछले दशक में भारत की आर्थिक प्रगति उल्लेखनीय रही है। विश्वव्यापी अनिश्चितताओं और घरेलू चुनौतियों के बावजूद, भारत ने लगातार वैश्विक औसत विकास से बेहतर कार्यप्रदर्शन किया है। वर्ष 2014 में 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से प्रगति करते हुए आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना भारत की ठोस नीतियों और भारतवासियों के दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। 2014-15 से 2024-25 तक, भारत की जीडीपी औसतन 7% से अधिक दर से बढ़ी है, जिससे यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गई है।” बिरला ने यह भी कहा कि “भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे जीवंत लोकतंत्र है, बल्कि स्थिर शासन, सुदृढ़ संवैधानिक संस्थाओं, विधि के शासन, पारदर्शी और जवाबदेह कर प्रणाली और निर्णायक नेतृत्व वाला देश भी है, जिसमें पूरी दुनिया के निवेशकों ने विश्वास व्यक्त किया है।” बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में जल, ऊर्जा, सड़क और रेल संपर्क, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, औद्योगिक कॉरिडॉर और लॉजिस्टिक्स हब जैसी बुनियादी सुविधाओं-में अभूतपूर्व प्रगति हुई है जिससे भारत में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।”

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यह टिप्पणी करते हुए कि भारत की सबसे बड़ी ताकत इसकी युवा आबादी है, श्री बिरला ने कहा कि “65% से अधिक भारतीय 35 वर्ष से कम आयु के हैं। ये युवा विनिर्माण, डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत को आगे बढ़ा रहे हैं । प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत स्किल इंडिया, पीएम कौशल विकास योजना और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से अपने युवाओं को कौशल प्रदान कर रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि “ऐसे समय में जब कई विकसित देशों में बढ़ती उम्र वाले लोगों की आबादी अधिक है और श्रमबल  की कमी है, भारत दुनिया को कौशलसम्पन्न  मानव संसाधन उपलब्ध कराने वाले केन्द्र के रूप में उभर रहा है । हम न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि दुनिया को कुशल मानव संसाधन भी उपलब्ध करा रहे हैं। यह भारत की ताकत है, हमारी जिम्मेदारी है और हमारा योगदान भी है।”

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ओम बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि “आज, भारत दुनिया की फार्मेसी के रूप में सुस्थापित है और पूरी दुनिया में हर तीन दवाओं में से एक भारत से आती है। इसके अलावा, भारत आईटी सेवाओं में अग्रणी है; यहाँ तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, और इसके साथ ही मोबाइल फोन निर्माण, डिजिटल भुगतान, स्पेस टेक्नॉलॉजी और नवीकरणीय ऊर्जा में हम सबसे आगे है।” उन्होंने यह भी कहा कि, “इंडस्ट्री 4.0 के युग में, प्रौद्योगिकी समावेशी और सतत विकास के लिए एक सशक्त माध्यम हो सकती है। डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहलें इस दिशा में सफल मॉडल हैं। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), JAM ट्रिनिटी और e-NAM जैसे प्लेटफॉर्म से देशवासियों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं और ये पहलें BRICS के लिए प्रेरणादायक मॉडल हैं।” ओम बिरला ने यह भी कहा कि, “भारत ने कराधान में भी महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। हाल ही में प्रस्तुत आयकर विधेयक, 2025, पारदर्शी और प्रभावी कर व्यवस्था की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

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ओम बिरला ने यह भी कहा कि “हमें इस बात की चिंता है कि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व अपर्याप्त है। यह असंतुलन वैश्विक समानता और संतुलित विकास में बाधा उत्पन्न करता है। इसलिए, ब्रिक्स देशों को सामूहिक रूप से ऐसी संस्थाओं में ग्लोबल साउथ की भागीदारी बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए।” उन्होंने कहा कि, “कोविड-19 महामारी जैसे वैश्विक संकटों ने ग्लोबल साउथ को अधिक प्रभावित किया है। स्वास्थ्य, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियाँ और भी बढ़ गई हैं। ठोस और समन्वित कार्रवाई के बिना, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करना कठिन होगा।”
पाकिस्तान अपने क्षेत्र से संचालित आतंकवादी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में विफल रहा है: लोक सभा अध्यक्ष
ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठक के उद्घाटन के दिन, लोक सभा अध्यक्ष ने ब्राजील की फेडरल सीनेट के प्रेसिडेंट, महामहिम सेन डेवी अल्कोलंबरे के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने कहा कि, “दोनों देश वैश्विक मंच पर भागीदार रहे हैं। हमारे द्विपक्षीय संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, शांति, सहयोग, सतत विकास और समान उद्देश्यों पर आधारित हैं।”
यह टिप्पणी करते हुए कि आज आतंकवाद विश्व शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा है, बिरला ने कहा कि “भारत में जम्मू और कश्मीर में हाल ही में आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस घटना ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि, “पाकिस्तान अपने क्षेत्र से संचालित आतंकवादी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में विफल रहा है; भारत ने भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने और अपनी रक्षा करने के लिए जवाबी कार्यवाही करने  के अपने अधिकार का प्रयोग किया।” ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताते हुए, बिरला ने कहा कि “यह कार्यवाही संयत रूप से किसी को उकसाए बिना आनुपातिक रूप से और जिम्मेदाराना ढंग से की गई । इसका एकमात्र उद्देश्य आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना और आतंकवादियों को बेअसर करना था।” उन्होंने यह भी कहा कि “आज का भारत सभी प्रकार के आतंकवाद के मामले में ज़ीरो टोलरेंस रखते हुए इस नीति के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध है और हर आतंकवादी हमले का कड़ा जवाब देता है।”
भारत और ब्राजील डिजिटल परिवर्तन, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में संयुक्त रूप से नवाचार को बढ़ावा दे सकते हैं: लोक सभा अध्यक्ष
ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठक के अवसर पर, लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने ब्राजील के चैंबर ऑफ डेप्युटीज के प्रेसिडेंट ह्यूगो मोट्टा के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। श्री बिरला ने कहा कि “भारत और ब्राजील साझेदार हैं। दोनों देशों के बीच समय-समय पर होने वाले उच्च स्तरीय संवादों से हमारे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए हैं ।” उन्होंने यह भी कहा कि, “रक्षा, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, ऊर्जा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच व्यापक सहयोग है। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 2022 में ब्राजील कांग्रेस द्वारा आयोजित विशेष सत्र हमारी गहरी मित्रता का प्रमाण है।” बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि, “भारत और ब्राजील डिजिटल परिवर्तन, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में संयुक्त रूप से नवाचार को बढ़ावा दे सकते हैं और ग्लोबल साउथ देशों के लिए एक उदाहरण रख सकते हैं।”

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