Political News: राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच मजबूत संबंधों, विशेष रूप से जलवायु संबंधी कार्रवाई, स्वच्छ ऊर्जा, सतत विकास, डिजिटल परिवर्तन और अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्रों में भारत के एक महत्वपूर्ण भागीदार होने के लिए सराहना की है।
Read Also: आतंकवादी घुसपैठ मामले में NIA ने जम्मू में 12 जगहों पर मारे छापे
यूरोपीय संसद की सदस्य और यूरोपीय संसद की अध्यक्ष माननीय सुश्री एंजेलिका निबलर के नेतृत्व में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आज संसद भवन में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश से भेंट की। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, उपसभापति हरिवंश ने दिसंबर 2023 में भारत यात्रा के दौरान भारत के साथ संबंधों के बारे में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों और यूरोपीय संसद की सुरक्षा और रक्षा संबंधी उप-समिति (एसईडीई) के सदस्यों से हुई पिछली बैठकों का स्मरण किया।
उपसभापति हरिवंश ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच उल्लेखनीय समानता रही है- दोनों ही विश्व की सबसे बड़ी एवं जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ, खुले बाजार की अर्थव्यवस्थाएं और बहुलवादी समाज हैं। भारत और यूरोपीय संघ के बीच 2004 से प्रारंभ हुई रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करते हुए,उपसभापति हरिवंश ने उल्लेख किया कि यह संबंध व्यापार, प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा, सतत विकास, कनेक्टिविटी, रक्षा, अंतरिक्ष, गतिशीलता, शिक्षा तथा जन संपर्क जैसे विविध क्षेत्रों में और अधिक सशक्त एवं विस्तारित हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में इस रणनीतिक साझेदारी की गति अत्यंत प्रभावशाली रही है और दोनों पक्षों के बीच नियमित और प्रबल संवाद हो रहा है।
उपसभापति हरिवंश ने इस बात पर जोर दिया कि नियमित संसदीय आदान-प्रदान भारत-यूरोपीय संघ की साझेदारी के प्रतीक हैं और ये वर्तमान द्विपक्षीय सहयोग पर विचार-विमर्श करने तथा आपसी संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करते हैं। उपसभापति हरिवंश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद भारत के लिए सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, हरित ऊर्जा और स्थिति-स्थापक आपूर्ति शृंखलाओं जैसे रणनीतिक और समकालीन महत्व के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
Read Also: एक्शन मोड में धामी सरकार, सितारगंज और काशीपुर में सील किए गए 15 अवैध मदरसे
भारतीय प्रवासियों के वैश्विक योगदान को उजागर करते हुए, हरिवंश ने कहा कि भारतीय प्रवासी समुदाय अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता और जिस भी देश में वे बसे हैं, वहाँ उनके अमूल्य योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यूरोपीय संघ में भारतीय प्रवासी समुदाय, जिसमें मुख्यतः छात्र, शोधकर्ता और उच्च दक्षता प्राप्त पेशेवर शामिल हैं, निरंतर बढ़ रहा है, जो कि उत्साहवर्धक है। बैठक के समापन पर,उपसभापति हरिवंश ने आशा व्यक्त की कि इस संसदीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा भारत-यूरोपीय संघ की साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ बनाएगी तथा तेजी से बढ़ रहे द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान करेगी। इस अवसर पर राज्यसभा के महासचिव पी.सी. मोदी भी उपस्थित रहे।