राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने दिल्ली सरकार के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम, 2021 के लिए अपनी सहमति दी। अधिनियम में कहा गया है कि विधान सभा द्वारा बनाए गए किसी भी कानून में निर्दिष्ट “सरकार” शब्द उपराज्यपाल को प्रभावित करेगा। जिसके बाद अब दिल्ली में एक बार फिर से सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा इतना ही नहीं अब दिल्ली सरकार को अपने तमाम फैसलों के लिए उपराज्यपाल से सहमति लेना जरूरी होगा।
संसद ने इसे पिछले सप्ताह पारित किया। राष्ट्रपति कोविंद ने नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट एक्ट, 2021 और माइन्स एंड मिनरल्स (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) संशोधन अधिनियम, 2021 को भी स्वीकृति प्रदान की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह आरोप लगाते रहे हैं कि उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार के फैसलों में अड़ंगा लगाती है। जिसके बाद दिल्ली सरकार ने पहले उपराज्यपाल की शक्तियों को उच्च न्यायालय में चुनौती दी और फिर सुप्रीम कोर्ट भी गई। अब केंद्र सरकार ने एक बार फिर से नया कानून लाकर उपराज्यपाल को चुनी हुई सरकार से ज्यादा ताकतवर बना दिया है जिसके बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि एक बार फिर उपराज्यपाल पिछले 2 साल में दिल्ली सरकार के फैसलों की समीक्षा कर सकते हैं। साथ ही आने वाले दिनों में भी दिल्ली सरकार के वो फैसले भी सवालों के घेरे में आ सकते है जिसे बीते दिनों में एलजी की मंजूरी के बगैर ही आगे बढ़ाया गया था।
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