कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 12वें दिन बृहस्पतिवार को असम से पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में प्रवेश कर गई। इस दौरान असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा। यात्रा के पश्चिम बंगाल पहुचंने पर कई किलोमीटर तक सड़क किनारे और घरों की छतों पर दोनों तरफ खड़े हजारों की संख्या में लोगों ने राहुल गांधी का भारत जोड़ो के गगनभेदी नारों के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया।
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इससे पहले गुरुवार सुबह राहुल गांधी असम की हलाकुरा ग्राम पंचायत कार्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में एकत्रित महिलाओं से मिलने के लिए उनके अनुरोध पर बस से उतरे। उन्होंने महिलाओं के साथ बातचीत भी की। यात्रा पश्चिम बंगाल के आठ जिलों और दस लोकसभा क्षेत्रों में लगभग 637 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में 26 और 27 जनवरी को यात्रा का विश्राम रहेगा।
गुरुवार को यात्रा के दौरान अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक चली चार हजार किलोमीटर लंबी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में कांग्रेस ने ‘नफरत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोलने’ का काम किया। अब कांग्रेस उत्तर पूरब से पश्चिम तक ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कर रही है।इस बार यात्रा में कांग्रेस ने ‘न्याय’ शब्द जोड़ा है, क्योंकि देश में अन्याय हो रहा है। भाजपा-आरएसएस देश में नफरत, हिंसा और अन्याय फैला रहे हैं। इसलिए इंडिया गठबंधन एक साथ इस अन्याय के खिलाफ लड़ने जा रहा है।
असम में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को मिले भारी जनसमर्थन का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ ने असम की राजनीति को बदल दिया है। उन्होंने इसके लिए असम कांग्रेस के नेताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल को नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर और स्वामी विवेकानंद की भूमि बताया, जो प्रगतिशीलता, देशप्रेम और संघर्ष में अग्रणी है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के नेताओं व कार्यकर्ताओं का इस ‘अभूतपूर्व स्वागत के लिए दिल से धन्यवाद किया’।
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