Rajasthan: पश्चिमी राजस्थान और खासकर बीकानेर का ऊन और कालीन उद्योग दबाव में है। वजह है, भारतीय निर्यात पर अमेरिकी सरकार का लगाया गया 50 फीसदी टैरिफ। यहां से सालाना करीब 1,200 करोड़ रुपये के धागे और कालीन का निर्यात होता है। इसमें अमेरिका की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। नए टैरिफ दर से मांग में भारी कमी आई है। साथ ही बड़ी संख्या में कुशल कारीगरों के बेरोजगार होने की आशंका है। Rajasthan
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उद्योग प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि भारी टैरिफ से कामकाज ठप हो सकता है और कई कामगार इस व्यापार को छोड़ने पर मजबूर हो सकते हैं। संकट से निपटने के लिए केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड और वस्त्र मंत्रालय नए बाजारों की खोज कर रहे हैं और उद्योग को नीतिगत मदद दे रहे हैं। माना जाता है कि बीकानेर 19वीं सदी से ऊन उत्पादन का केंद्र रहा है। ये देश को करीब 70 फीसदी सूत की आपूर्ति करता है। Rajasthan
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जैसे-जैसे अमेरिकी टैरिफ का असर सामने आ रहा है, उद्योग जगत के दिग्गज और सरकारी निकाय, नौकरियां बचाने, पारंपरिक कौशल का संरक्षित करने और उद्योगों का अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष तेज कर रहे हैं।