बस कंडक्टर से बने दादा साहेब फाल्के पुरस्कार जीतने वाले ‘सिनेमा आइकन’, यादगार रहा है सुपरस्टार रजनीकांत का सफर

Rajinikanth: From bus conductor to Dadasaheb Phalke Award-winning cinema icon, superstar Rajinikanth's journey has been memorable.

Rajinikanth: दक्षिण भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता रजनीकांत का शुक्रवार यानी की आज 12 दिसंबर को 75वां जन्मदिन है। वे भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और असरदार अभिनेताओं में एक रहे हैं। अभिनय की चोटी तक उनके सफर की शुरुआत साधारण पृष्ठभूमि से हुई थी। उनका जन्म 12 दिसंबर, 1950 को बेंगलुरु में हुआ था। सबसे पहले उन्होंने 1975 में के. बालाचंदर के ‘अपूर्व रागंगल’ में छोटा सा किरदार निभाया। जल्द ही उनका हुनर दुनिया के सामने आया। अब तक उन्होंने 170 से ज्यादा फिल्मों में अपने अभिनय का जादू दिखाया है। Rajinikanth Rajinikanth

इनमें से ज्यादातर तमिलअभिनय किया है, जिनमें मुख्य रूप से तमिल हैं। इसके अलावा तेलुगु, हिंदी, कन्नड़, मलयालम और बंगाली फिल्में शामिल हैं। रजनीकांत की कुछ मशहूर फिल्मों में 1995 की बाशा, 1991 की थलपति, 2007 की शिवाजी, 2010 की एंथिरन, 2016 की कबाली (2016) और 2023 की जेलर शामिल हैं। इनमें 1999 की पदयप्पा जैसी कई फिल्मों को उनके 75वें जन्मदिन पर दोबारा रिलीज किया जा रहा है। फिल्म को रजनीकांत के योगदान को देश के मशहूर पुरस्कारों और खिताबों से नवाजा गया है। उन्हें साल 2000 में पद्म भूषण, 2016 में पद्म विभूषण के अलावा भारतीय सिनेमा जगत के सर्वोच्च दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, उन्हें सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्का और आईएफएफआई में इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

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इसके अलावा उन्हें कई दक्षिण भारतीय फिल्म फेयर सिनेमा एक्सप्रेस पुरस्कार और फिल्म फैन्स एसोसिएशन के लिए नल्लवनुकु नल्लावन, थलपथी, अन्नामलाई, बाशा और वल्ली जैसी फिल्मों के लिए सम्मानित किया गया है। रजनीकांत को एशियावीक और फोर्ब्स इंडिया जैसी पत्रिकाओं में सबसे असरदार भारतीय के रूप में शामिल किया गया, जो वैश्विक स्तर पर उनके सांस्कृतिक योगदान का प्रतीक है। फिल्म दुनिया में कदम रखने से पहले रजनीकांत बेंगलुरु में बस कंडक्टर थे। मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में शामिल होने से पहले उन्हें रोजी-रोटी कमाने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ती थी। Rajinikanth Rajinikanth

इंस्टीट्यूट में निर्देशक के. बालाचंदर ने उनकी प्रतिभा को पहचाना। आगे के सफर में उनकी हैसियत थलावर की हो गई, जिसे लाखों प्रशंसकों का प्यार मिला। उनका जीवन सफर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। देश-दुनिया में उनका जन्मदिन जोर-शोर से मनाया जा रहा है। खास बात है कि रजनीकांत इस उम्र में भी सिनेमाई करिश्मा का पर्याय हैं। अपने 75वें जन्मदिन पर वे अपने प्रशंसकों, चहेतों और मुरीदों को प्रेरक सफर का पैगाम दे रहे हैं।

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