मॉस्को (प्रदीप कुमार की रिपोर्ट)– भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रूस में चीनी रक्षामंत्री वेई फेंगही से मुलाकात की। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए चीन को कड़ा संदेश दिया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन SCO की अहम बैठक से अलग चीनी रक्षामंत्री से मुलाक़ात की।चीन के रक्षामंत्री वेई फेंगही ने एससीओ की बैठक से इतर राजनाथ सिंह से मुलाकात का अनुरोध किया था, जिसके बाद सिंह ने वेई के साथ मॉस्को में बैठक की। यह बैठक करीब 2 घंटा 20 मिनट तक चली। चीनी रक्षामंत्री के साथ बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने चीन को भारत की स्थिति से अवगत कराया और साथ ही ये भी साफ किया कि भारत हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।

बैठक में रक्षामंत्री सिंह ने दो-टूक कहा कि ‘सीमा पर विवाद के लिए चीन पूरी तरह से जिम्मेदार है। देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए हमारी सेना प्रतिबद्ध है। भारत पड़ोसी देशों के साथ सीमा को लेकर जिम्मेदार रवैया अपनाता है, लेकिन हम गैर-जिम्मेदाराना गतिविधियों का माकूल जवाब देना भी जानते हैं’।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीन के रक्षा मंत्री से इस बैठक पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर मुलाकात का ब्यौरा दिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही से कहा कि गलवान घाटी समेत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल एलएसी पर बीते कुछ महीनों में तनाव रहा है। सीमा पर चीन का अपने सैनिकों को बढ़ाना आक्रामक बर्ताव अग्रेसिव बिहेवियर को दिखाता है। यह द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है।
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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारतीय सेनाओं ने सीमा पर हमेशा संयमित व्यवहार दर्शाया है। लेकिन, यह भी सच है कि इसी दौरान हमने भारत की संप्रभुता सॉवेरीनटी और सीमाओं की रक्षा से कोई समझौता नहीं किया। दोनों पक्षों को अपने नेताओं की समझ-बूझ के निर्देशन में काम करना चाहिए, ताकि सीमा पर शांति कायम रह सके। साथ ही दोनों पक्षों को उन चीजों में नहीं उलझना चाहिए, जिससे विवाद बढ़े।
रक्षा मंत्री ने अपने काउंटरपार्ट से कहा कि चीन को जल्द ही भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि लद्दाख में समझौते और प्रोटोकॉल के आधार पर सभी विवादित जगहों मसलन पैंगॉन्ग झील के इलाके से दोनों तरफ के सैनिकों का डिएस्केलेशन शुरू किया जा सके। जो मौजूदा हालात हैं, उसे देखते हुए दोनों पक्षों को जिम्मेदारी दिखानी चाहिए। कोई भी ऐसा एक्शन न लें, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो।


रक्षा मंत्री ने चीनी पक्ष को सलाह दी कि चीन को भारत के साथ मिलकर जल्द से जल्द अपने सैनिकों को टकराव के सभी बिंदुओं, जिनमें पैंगोंग झील भी शामिल है, से पूर्ण रूप से वापस बुलाना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मौजूदा स्थिति का जिम्मेदारी पूर्वक संचालन किया जाना चाहिए और किसी को भी ऐसा एक्शन नहीं लेना चाहिए जिससे स्थिति और भी जटिल हो जाए और बॉर्डर के इलाकों में तनाव बढ़ जाए।
इसी के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों को कूटनीतिक और सैन्य सहयोग के जरिए LAC पर पूर्ण शांति बहाली की कोशिश करनी चाहिए और इसके लिए सैनिकों की पूरी वापसी होनी चाहिए।
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