आरबीआई(RBI) की मौद्रिक नीति समिति ने 11वीं बार रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है। इसके साथ ही एक बार फिर से रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार रहेगी। इसका मतलब है कि लोन लेने वालों को लोन दरों में राहत मिलने की संभावना नहीं है।
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आपको बता दें, RBI ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। इसके साथ ही आरबीआई(RBI) ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है। RBI ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.5 फीसदी बढ़ाकर 4.8 फीसदीरहने का अनुमान जताया है।
RBI के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बुधवार को शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक में लिए गए इन निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि MPC ने नीतिगत रेपो दर को यथावत रखने का निर्णय किया है। समिति के छह में से चार सदस्यों ने नीतिगत दर को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया जबकि दो इसमें बदलाव किए जाने के पक्ष में थे। इसके साथ ही एमपीसी ने अपने रुख को ‘तटस्थ’ बनाये रखने का निर्णय लिया है।
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गौरतलब है, रेपो वे ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। RBI मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इस दर का उपयोग करता है। रेपो दर के यथावत रहने का मतलब है कि मकान,गाड़ी समेत दूसरे कर्जों पर मासिक किस्त (EMI) में बदलाव की संभावना कम है।