नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): गृह मंत्रालय की एस्टीमेट कमेटी ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल NDRF की समीक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की है। संसदीय समिति के सभापति गिरीश भालचंद्र बापट ने संसद भवन परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में महत्वपूर्ण सिफारिशों को लेकर विस्तार से जानकारी दी है। संसद की एस्टीमेट कमेटी ने एनसीसी और स्पोर्ट्स मैन को भी एनडीआरएफ से जोड़ने की सिफ़ारिश अपनी सालाना रिपोर्ट में की है ।कमिटी का मानना है की इस से हर जिले में एनडीआरएफ की यूनिट तैयार हो सकेगी, इसके अलावा संसदीय समिति ने हाल के दिनों में देश में जंगल में आग की घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए कहा है कि एनडीआरएफ द्वारा वनों की आग को आपदाओं की सूची में शामिल करने का निर्णय जल्द लिया जाए।
संसदीय समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि जिन राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों में एनडीआरएफ बटालियन आरआरसी पर जोर नहीं है वहां क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्रों का निर्माण किया जाए। संसदीय समिति ने एनडीआरएफ बटालियन की क्षमता वृद्धि के लिए परियोजनाओ को समय पर पूरा करने पर जोर दिया है। संसदीय समिति ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में पूजी क्षेत्र में वास्तविक व्यय की गिरावट की प्रवृत्ति को देखते हुए जो एनडीआरएफ बटालियनो के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण की योजना में बाधा उत्पन्न कर सकता है समिति ने मंत्रालय से एनडीआरएफ बटालियनो की क्षमता वृद्धि के लिए परियोजना को पूरा करने में देरी से बचने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ परामर्श करके तत्काल कदम उठाने की सिफारिश की है।
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संसदीय समिति ने अपनी सिफारिश में आपदा मित्र योजना के समय पर क्रियान्वयन पर जोर दिया है। संसदीय समिति ने जिन राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों में एनडीआरएफ बटालियन आरएसी पर जोर नहीं है वहां क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्रों का निर्माण करने की सिफारिश की है।अपनी सिफारिश में संसदीय समिति ने कहा है कि गोवा मेघालय चंडीगढ़ दादरा और नगर हवेली दमन और दीव लद्दाख लक्षदीप और पुडुचेरी में कोई एनडीआरएफ बटालियन आरआरसी नहीं है और आपदाओं की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए समिति ने सरकार से इन राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में जिनमें से अधिकांश तटीय हैं और इस प्रकार सुनामी ,तेल रिसाव आदि जैसी आपदाओं की संभावना वाले हैं क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्रों को तैयार करने पर विचार करने की सिफारिश की है।
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