गुजरात में सूरत के रामनाथ घेला मंदिर में श्रद्धालु भगवान शिव को जिंदा केकडे चढाने के लिए लाइन में खडे हैं। गुजराती कैलेंडर की पौष वद एकादशी के मौके पर श्रद्धाुल यहां प्रसाद के रूप में जिंदा केकडे चढाते हैं।माना जाता है कि भगवान शिव के इस मंदिर को भगवान राम ने वनवास के दौरान खुद बनाया था।श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां जिंदा केकडे चढाने से कान से जुडी दिक्कतों से निजात मिलती है।
कुछ लोगों का कहना है कि वनवास के दौरान जब भगवान राम यहां से गुजर रहे थे तो समुद्र से निकलकर कुछ केकड़े उनके चरणों में आ गए। तब भगवान राम ने प्रसन्न होकर कहा था कि जो कोई भी इस मंदिर में भगवान शिव को जीवित केकड़े चढ़ाएगा उसकी मनोकामनाएं पूरी होगी।मंदिर की देखभाल करने वाले पुजारियों के मुताबिक भक्तों को जीवित केकड़े चढ़ाने से पहले संबंधित सरकारी विभागों से इजाजत लेनी होती है।
Read also- आंध्र प्रदेश में 14वीं अखिल भारतीय पुलिस कमांडो प्रतियोगिता में आरपीएफ कमांडो टीम ने किया शानदार प्रदर्शन
मंदिर के पुजारी मनोज गोस्वामी ने कहा कि ये रामनाथ घेला महादेव है जो राम वनवास के समय का है। जब राम वनवास में निकले तब उन्होंने स्थापना किया। पता चला कि रामचंद्र भगवान के जो दशरथ राजा हैं उनका देहांत हुआ, तब ये प्राण प्रतिष्ठा करके उसको स्वयं प्रकट किया।
भक्त अंकित भाटिया ने कहा कि यहां पर केकड़ा चढ़ाने का महत्व ये है कि बचपन से या जिनको कान की तकलीफ है सुन नहीं पाते हैं या फिर ऐसी कोई बीमारी है जो कान से सुन नहीं पाते हैं वैसे लोगों की। यहां पर जिंदा केकड़े चढ़ाने की वजह से वहां पर लोगों के कान की बीमारियां ठीक हो जाती हैं। ऐसी लोगों की मान्यता है।