Share Market: भारत में बिजनेस पारंपरिक रूप से त्योहारों, धार्मिक अनुष्ठानों और प्रथाओं से बेहद करीब से जुड़ा हुआ है। दिवाली पर धन की देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा होती है। ये शेयर बाजार बिजनेस के लिए खास तौर से शुभ दिन माना जाता है।
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हालांकि दिवाली में भी सामान्य छुट्टी होती है, लेकिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में ‘मुहूर्त’ ट्रेडिंग के लिए स्पेशल ट्रेडिंग विंडो खोला जाता है। मुहूर्त हिंदू कल्चर में होने वाले आयोजनों, अनुष्ठानों और समारोहों के आयोजन के लिए ज्योतिषीय गणना के जरिए बताए जाने वाले शुभ समय को कहा जाता है। ज्यादातर बिजनेसमैन और इवेस्टर्स मुहूर्त ट्रेडिंग में इस भरोसे के साथ हिस्सा लेते हैं कि मुहूर्त उनके बिजनेस में समृद्धि लाएगा। इस दौरान होने वाले छोटे प्रॉफिट को भी आने वाले समय के लिए अच्छी किस्मत के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। नया सेशन नए संवत यानी हिंदू कैलेंडर साल की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो दिवाली के दिन शुरू होता है। इस बार की दिवाली पर एनएसई और बीएसई में मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन एक नवंबर को शाम छह बजे से सात बजे तक तय किया गया है।
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मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में शाम पांच बजकर पैंतालिस मिनट से शाम छह बजे तक 15 मिनट की प्री-ओपन विंडो भी शामिल होगी। इसके बाद शाम सात बजकर 10 मिनट से सात बजकर 20 मिनट के बीच सेशन खत्म होगा। बाजार के जानकारों का कहना है कि मुहूर्त ट्रेडिंग का पर्सनल स्टॉक या मार्केट के रुझान पर कोई लंबा असर नहीं पड़ता है। भारत में आधी सदी से भी ज्यादा समय से मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा चल रही है। पिछले छह सालों से मुहुर्त ट्रेडिंग सेशन प्रॉफिट के साथ बंद हुआ है। पिछले साल बीएसई इंडेक्स में सिर्फ आधा फीसदी से ज्यादा की तेजी आई थी।
