Sholay 50Years: हिंदी सिनेमा की सुपरहिट फिल्म “शोले” की रिलीज को 50 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस खास मौके पर मुंबई में प्रशंसकों ने उस दौर को और फिल्म के पसंदीदा डायलॉग को याद किया। रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित ये फिल्म एक कल्ट क्लासिक बन गई है और हर उम्र के दर्शक इसे पसंद करते हैं। कई प्रशंसकों के लिए ‘शोले’ सिर्फ एक फिल्म नहीं है। ये उनकी बचपन की यादों का हिस्सा है।
एक प्रशंसक ने कहा, “मैंने ‘शोले’ इतनी बार देखी है कि मुझे याद भी नहीं कि मैं इस फिल्म को कितनी बार देख चुका हूं। ये एक ऐसी फिल्म है जिसमें ड्रामा, हंसी, गम। सब कुछ है।” फिल्म के डायलॉग पॉप संस्कृति का हिस्सा बन गए हैं, प्रशंसक आज भी “कितने आदमी थे?” और “जो डर गया समझो मर गया” जैसे डायलॉग को दोहराते रहते हैं। Sholay 50Years
एक और प्रशंसक ने कहा, “मुझे हर डायलॉग याद है। जिस तरह अमजद खान कहते हैं ‘कितने आदमी थे?’ या फिर अभिनेता धर्मेंद्र का डायलॉग ‘बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना’ ये सभी काफी मशहूर डायलॉग हैं। Sholay 50Years
फिल्म के किरदार भी फिल्म के डायलॉग की तरह ही काफी मशहूर हैं। एक प्रशंसक का कहना है, “मेरा पसंदीदा किरदार जय है। अमिताभ बच्चन का किरदार बहुत अच्छा था। उसकी पंचलाइन बहुत मजेदार थी।” Sholay 50Years
एक और प्रशंसक को हेमा मालिनी का बसंती का किरदार काफी पसंद आया। साथ ही जेलर के रूप में असरानी भी प्रशंसकों को बेहद पसंद आए। भारतीय सिनेमा में ‘शोले’ को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं रहा। इसकी सफलता ने भविष्य की ब्लॉकबस्टर फिल्मों का मार्ग मजबूत किया। आज भी कई फिल्मों में इसका प्रभाव दिखाई देता है। Sholay 50Years
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एक प्रशंसक का कहना है कि शोले एक ऐसी फिल्म है जिसे हर पीढ़ी के लोग देखते हैं और उसके डायलॉग तक उन्हें याद हैं।
रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी ‘शोले’ 15 अगस्त, 1975 को रिलीज हुई थी और रिलीज के साथ ही हिट हो गई। फिल्म की सफलता एक्शन, ड्रामा और कॉमेडी के साथ यादगार किरदार और इनके डायलॉग का नतीजा है। फिल्म की कहानी सलीम-जावेद ने लिखी है। इसमें अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी और संजीव कुमार, अमजद खान मुख्य भूमिका में हैं। Sholay 50Years