लद्दाख कार्यकर्ता ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की निंदा; नेताओं ने कहा, लेह हिंसा के पीछे उनका हाथ नहीं

Sonam Wangchuk:

Sonam Wangchuk: लेह में हुई हिंसा को लेकर शुक्रवार को सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर राजनीति शुरू हो गई है। नेताओं का कहना है कि लद्दाख में केंद्र सरकार की ‘नाकामियों’ के लिए प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता को बलि का बकरा बनाया जा रहा।जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है। कल से जिस तरह से सरकार उनके पीछे पड़ी है, उससे यही संकेत मिल रहे थे कि उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। (लद्दाख के) लोगों से वादे किए गए थे, लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि सरकार को ऐसी क्या समस्या आ गई कि वो अपने वादों से मुकर गई।”वांगचुक को लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दो दिन बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गए थे।Sonam Wangchuk

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लेह एपेक्स बॉडी के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे लारूक ने कहा कि वांगचुक ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों को नहीं भड़काया।उन्होंने कहा, “एलजी कह रहे हैं कि इस विरोध प्रदर्शन में विदेशी हाथ था और कुछ लोग सोनम वांगचुक को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस ने लोगों को भड़काया। हमारे हिसाब से, ये कहानी गलत है…युवा बेरोजगार होने के कारण निराश हैं। गरीब लोग भी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे। जो हुआ, वो इसलिए हुआ क्योंकि युवा नाराज हैं।”Sonam Wangchuk

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हालांकि वांगचुक पर लगाए गए आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन लद्दाख प्रशासन के सूत्रों ने संकेत दिया है कि जलवायु कार्यकर्ता पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है।कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, “ये साफ है कि सरकार नहीं चाहती कि उन्हें जमानत मिले। अगर उन पर एनएसए लगाया गया है, तो जमानत मिलना मुश्किल है। सरकार लद्दाख को राज्य का दर्जा क्यों नहीं दे देती, आंदोलन तुरंत खत्म हो जाएगा। लद्दाख और जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दे दो।“Sonam Wangchuk

गुरुवार को, सरकार ने वांगचुक द्वारा स्थापित लद्दाख के छात्र शैक्षिक और सांस्कृतिक आंदोलन (एसईसीएमओएल) का एफसीआरए लाइसेंस “तत्काल प्रभाव” से रद्द कर दिया था।मंत्रालय की ये कार्रवाई संगठन के खातों में पाई गई कई कथित विसंगतियों पर आधारित थी, जिसमें स्वीडन से धन हस्तांतरण भी शामिल था, जिसे मंत्रालय ने “राष्ट्रीय हित” के खिलाफ पाया।Sonam Wangchuk

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