Space: पृथ्वी के बाहरी क्षेत्र यानी अंतरिक्ष के बारे में आप बचपन से ही सुनते और जानते आ रहे हैं। आपको ये भी पता होगा कि अंतरिक्ष में ऊर्जा तो बहुत होती है लेकिन उसका अहसास करने के लिए पदार्थ को होना आवश्यक होता है, तभी तापमान मापा जा सकेगा।
अंतरिक्ष के बारे में ये विशेष जानकारी
अंतरिक्ष में उर्जा होने के बावजूद भी पदार्थ के बिना हम उसका अहसास नहीं कर सकते हैं। यह सामग्री हर जगह नहीं मिलती। ऐसे में ये प्रश्न उठ सकता है कि जहां पदार्थ हो सकता है वहां तापमान कितना हो सकता है। इसका जवाब धूंधना भी काफी मुश्किल हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सबसे कम तापमान को मापना जितना आसान है उतना सबसे अधिक तापमान को मापना आसान नहीं है।
बता दें, जब पदार्थ के किसी कण में घर्षण नहीं होता और कोई गतिविधि नहीं होती तो सबसे ठंडा तापमान 273.15 डिग्री सेल्सियस है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक ने इस तापमान को मापने में काफी करीब भी पहुंच चुके हैं। लेकिन वहीं हम सबसे गरम तापमान की बात करें तो सबसे गर्म तापमान अलग है। यहां हम पदार्थ के कणों की अधिकतम संभव गतिविधि पर चर्चा करते हैं। जो मापना मुश्किल हो जाता है।
Read Also: महाराष्ट्र: नया पार्टी सिंबल लॉन्च करने रायगढ़ किला पहुंचे शरद पवार
दरअसल, ऊर्जा को अनंत तक ले जाना अधिकतम तापमान है। सैद्धांतिक रूप से, यह संभव है। लेकिन यह ब्रह्माण्ड या वास्तविक दुनिया में देखना असंभव की तरह ही है। सैद्धांतिक रूप से, सबसे अधिक तापमान की सीमा 142 नोनिलयन के बराबर होगी, यानी एक के बाद 32 शून्य। इसका तापमान सेल्सियस में 273.15 होता है। भौतिकी में प्लैंक टेम्परेचर या प्लैंक तापमान कहलाता है जब कोई तापमान इस सीमा के बाद असंभव हो जाता है। यह तापमान है जब कण एक प्रकार का तापीय संतुलन बना लेंगे।