Sourav Ganguly: पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट में खास तौर पर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की कोशिश कर रहे बल्लेबाजों के लिए कड़ी प्रतियोगिता पर प्रकाश डाला। अपने शुरुआती संघर्षों को याद करते हुए गांगुली ने माना कि भारतीय टीम में जगह बनाना आसान नहीं है। वो भी खासतौर पर तब जब आप प्रतिभा और सीमित अवसरों से घिरे हों।पीटीआई वीडियो को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में गांगुली ने कहा, “भारतीय टीम में जगह बनाना कभी आसान नहीं होता, खास तौर पर बल्लेबाज के तौर पर।”उन्होंने 1991 से 1996 के बीच के दौर को याद किया, जब वे टीम से अंदर-बाहर होते रहे।
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उन्होंने कहा, “उन चार सालों में मैंने बहुत ज़्यादा घरेलू क्रिकेट खेला। मुझे कभी नहीं पता था कि मुझे फिर से मौका मिलेगा या नहीं या मैं फिर से भारत के लिए खेलूंगा या नहीं।”गांगुली ने बताया कि उस दौर में बल्लेबाजी लाइनअप में पहले से ही दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे।पूर्व कप्तान ने कहा, “आपके पास सचिन थे, आपके पास संजय, अजहर, जडेजा, युवा विनोद कांबली थे। इसलिए मुझे कभी नहीं पता था कि वह अवसर कब आएगा। लेकिन मैं युवा था, 21 साल का था। उस उम्र में आप बहुत ज़्यादा चिंता नहीं करते।”उन्होंने कहा, “मैं बंगाल के लिए खेलकर खुश था। हमारी टीम अच्छी थी, हमने दो फाइनल खेले। मैंने इंडिया ए के लिए खेलना जारी रखा और रन बनाए। लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि मुझे कब ब्रेक मिलेगा या नहीं।
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