(अवैस उस्मानी): सुप्रीम कोर्ट में कई दिनों से लंबित पड़े EWS मामले पर गरीब तबके के पक्ष में फैसला आया है। आज आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के आरक्षण पर अहम सुनवाई की है है। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यता पीठ ने फैसला सुनाया है। पांच में से चार जज आरक्षण के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण जारी रहेगा।
आपको खास बात बता दें कि ये फैसला ऐतिहासिक रहा। कमजोर तबके के हित में फैसला सुनाने वाले जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल का आज आखिरी दिन है । 8 नवंबर यानि कल CJI ललित रिटायर हो रहे है। सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की बेंच ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखा है। जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 10 प्रतिशत EWS आरक्षण प्रदान किया गया है । बेंच के चार न्यायाधीश अधिनियम को बरकरार रखने के पक्ष में जबकि एक न्यायाधीश ने इस पर असहमति जताई।
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। केद्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के कमजोर तबके वाले लोगों को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षण संस्थान में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला के खिलाफ 20 से अधिक याचिकाएं दाखिल की गई थी । याचिका में केंद्र सरकार के इस फैसले को संविधान का उल्लंघन बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की गई थी।
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