(दिनेश कुमार): हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज पलवल में एक जुकासो मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन किया, जिसे जापानी वाटर ट्रीटमेंट सॉल्यूशंस प्रदाता डाइकी एक्सिस इंडिया द्वारा लॉन्च किया गया है। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर,परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा,पृथला विधानसभा क्षेत्र के विधायक नयनपाल रावत ,डाइकी एक्सिस कंपनी लिमिटेड, जापान के प्रेसिडेंट और सीईओ श्री हिरोशी ओगामे ,श्री शिन्या ताकाओका, निदेशक और प्रबंध कार्यकारी अधिकारी, डाइकी एक्सिस कंपनी लिमिटेड जापान भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि डाइकी एक्सिस जापान की 100 प्रतिशत सहायक कंपनी है। 1,000 जुकासो इकाई की क्षमता के साथ, संयंत्र जापानी जुकासो तकनीक से लैस है, जिसका इस्तेमाल घरेलू अपशिष्ट जल के उपचार और पुन : उपयोग के लिए किया जाता है। पलवल में इस सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना में 200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। यह प्रणाली मटमैले और काले पानी दोनों के उपचार के लिए उपयुक्त है।
उन्होंने कहा कि भारत में जुकासो प्रौद्योगिकी और अवधारणा को लागू करने के लिए इस वर्ष मार्च में भारत और जापान के प्रधानमंत्री के बीच एक सहयोग ज्ञापन (एमओसी) पर हस्ताक्षर किए गए थे। डाइकी जुकासो तकनीक पानी का बेहतरीन और हाई क्वालिटी उपचार का प्रदर्शन की पेशकश करते हुए लंबी शेल्फ लाइफ और सरल रखरखाव का एक अनूठा संयोजन प्रदान करती है। इसमें रूटीन रख रखाव की ही आवश्यकता है। छोटे और मध्यम आकार के पैकेज्ड प्लांट पूरी तरह से स्वचालित हैं और इनमें फुल टाइम ऑपरेटरों की आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत वर्तमान में घरेलू अपशिष्ट जल का केवल 34 प्रतिशत ही शोधन करता है। राज्य में मीठे पानी के संकट को कम करने के लिए, हरियाणा सरकार ने उपचारित अपशिष्ट जल के लिए एक नीति बनाई है। हालांकि, इस चुनौती को दूर करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप आवश्यक है। नीति को सफल बनाने के लिए इसके लिए कौशल सेट, अनुभव और हैंडहोल्डिंग की भी आवश्यकता होगी। इस प्रकार, हरियाणा सरकार ने राज्य भर में घरेलू अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण करके अपनी जल संरक्षण योजना को बढ़ाने के लिए डाइकी एक्सिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ सहयोग किया है।
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60 से अधिक वर्षों के अनुभव और 20 लाख वैश्विक प्रतिष्ठानों के साथ, डाइकी एक्सिस विकेंद्रीकृत अपशिष्ट जल प्रबंधन और जुकासो प्रौद्योगिकी में एक विशेषज्ञ है। 2019 में हरियाणा सरकार द्वारा वेस्ट वाटर को ट्रीट करने की पॉलिसी लायी गयी थी, जिसके अनुसार 2030 तक 80प्रतिशत वेस्ट वाटर को ट्रीटमेंट कर उपयोग में लाया जायेगा। इस परियोजना का उद्देश्य राज्य की स्वच्छता, पर्यावरण और पानी के मुद्दों को संबोधित करना है, साथ ही उपयोगकर्ताओं के बीच निवेश, अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने, रोजगार और क्षमता निर्माण करना है।
मनोहर लाल ने कहा, पानी प्रकृति का सबसे सुन्दर उपहार है और कहा जाता है की जल ही जीवन है। पानी की हर बूंद बहुत कीमती है इसलिए इसे बचाने के लिए सामूहिक प्रयास होने चाहिए। यह सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट इस दिशा में एक इनोवेटिव कदम है जिससे पानी का पुनर्चक्रण कर के दुबारा विभिन्न घरेलू कार्यों में उपयोग में लाया जायेगा। अभी यह पलवल में स्थापित हुआ है और यहाँ की स्थिति का आकलन कर के इसे पुरे राज्य में स्थापित किया जायेगा।