Supreme Court- सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के कामकाज में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका पर शुक्रवार को विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि हर पद्धति के अपने सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष होते हैं।
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जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि ये अदालत कई याचिकाओं की पहले ही कई मौकों पर पड़ताल कर चुकी है और ईवीएम के कामकाज से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार कर चुकी है।
बेंच ने याचिकाकर्ता नंदिनी शर्मा से कहा कि हम कितनी याचिकाओं पर विचार करेंगे? हाल ही में, हमने वीवीपीएटी से संबंधित एक याचिका पर विचार किया था। हम धारणाओं पर नहीं चल सकते। हर पद्धति के अपने सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष होते हैं। क्षमा करें, हम अनुच्छेद 32 के तहत इस पर विचार नहीं कर सकते।
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बेंच ने आदेश में कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दे की सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं में पड़ताल की है। जस्टिस खन्ना ने कहा कि अदालत ने इस मुद्दे पर 10 से ज्यादा मामलों की पड़ताल की है। शर्मा ने अपनी याचिका में भारत के निर्वाचन आयोग और छह राजनैतिक दलों को पक्षकार बनाया था।