सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन बिल पर दिए अहम दिशा-निर्देश

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Wakf Amendment Bill: सुप्रीम कोर्ट ने आज वक्फ संशोधन कानून 2025 को लेकर महत्वपूर्ण अंतरिम निर्णय दिया है। इस कानून के खिलाफ दायर 100 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ अहम निर्देश जारी किए हैं।वक्फ संशोधित अधिनियम-2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज दूसरे दिन सुनवाई हुई।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून के तहत वक्फ बोर्ड या वक्फ काउंसिल में नई नियुक्तियों पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मौजूदा वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा। यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक अगली सुनवाई 5 मई को नहीं हो जाती।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 110 से 120 फाइलें पढ़ना संभव नहीं हैं। ऐसे में ऐसे 5 पॉइंट तय करने होंगे। सिर्फ 5 मुख्य आपत्तियों पर ही सुनवाई होगी। सभी याचिकाकर्ता मुख्य बिंदुओं पर सहमति बनाएं। नोडल काउंसिल के जरिए इन आपत्तियों को तय करें।’

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस कानून पर विस्तृत जवाब मांगा है, लेकिन फिलहाल कानून के अमल पर पूरी तरह रोक लगाने से इनकार कर दिया है।विपक्षी दलों, जिसमें कांग्रेस, AIMIM और DMK शामिल हैं, ने इस कानून को संविधान के खिलाफ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनका आरोप है कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।कांग्रेस नेता और कानूनविद अभिषेक मनु सिंघवी और सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वक्फ बिल पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को बेहद अहम बताया हैवही वक्फ एक्ट की सुनवाई पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दोहराया कि ‘हम इस एक्ट को असंवैधानिक मानते हैं।वही सरकार और बीजेपी का कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता के लिए लाया गया है, जिससे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को भी संरक्षण मिलेगा।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित कई संगठनों ने इस कानून का विरोध किया है और इसे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बताया है।CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है।वही केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल SG तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं। जबकि वक्फ बिल के खिलाफ कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी, अन्य वकील दलीलें रख रहे हैं।

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