(अवैस उस्मानी): इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से राजनीतिक दलों का चुनाव चिन्ह हटाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को चुनाव आयोग के सामने अपनी मांग को रखने को कहा। इसपर कोर्ट में मौजूद चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता आयोग के पास ऐसी कोई मांग लेकर आते है तो आयोग उसपर गौर करेगा। भाजपा नेता और वकील आश्वनी कुमार उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश यूयू ललित ने याचिकाकर्ता पूछा कि कोई व्यक्ति जब किसी राजनीतिक दल का प्रत्याशी बनता है तो वह कैसे अपने राजनीतिक दल को पेश करेगा। याचिकाकर्ता की तरफ से वकील विकास सिंह ने दलील अगर किसी उम्मीदवार को मतदाता देखना है तो सिस्टम में बेहतर लोग होंगे, पार्टी बेहतर लोगों को टिकट देने के लिए मजबूर होगी। ब्राज़ील में भी यही किया जाता है। मतदाता प्रत्याशी के आधार पर वोट दे ना कि किसी पार्टी के नाम पर वोट दें। वकील विकास सिंह ने कहा कि अगर पार्टी के चिन्ह को हटा दिया जाता है तो मतदाता उज़ व्यक्ति के बारे में भी जानने की कोशिश करेगा जिसको वह वोट देने जा रहा है। मुख्य न्यायधीश यूयू ललित ने पूछा कि आप ऐसा किस आधार पर कह रहे है?
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याचिका में चुनाव आयोग को मतपत्रों और EVM पर पार्टी चिह्न हटाकर इसकी जगह उम्मीदवारों की उम्र, शैक्षणिक योग्यता और तस्वीर दर्शाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। याचिका में कहा था कि इस तरह के कदम से मतदाताओं को बुद्धिमान, मेहनती और ईमानदार उम्मीदवारों को वोट और समर्थन करने के अलावा टिकट वितरण में राजनीतिक दलों के आलाकमान की मनमानी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
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