Supreme court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सोमवार यानी 20 मई को नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।याचिका में भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी में बदलाव लाने के लिए लाए गए तीन नए कानूनों को चुनौती दी गई थी।न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की अवकाश पीठ (वेकेशन बेंच) ने याचिका दायर करने वाले वकील विशाल तिवारी को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है।
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जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि ये याचिका ठीक नहीं है, इसे खारिज की जा सकती है। याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने कहा कि ऐसे में उन्हें याचिका वापस लेने की इजाजत दी जाय। लोकसभा ने पिछले साल 21 दिसंबर को तीन प्रमुख कानून भारतीय न्याय (सेकेंड) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (सेकेंड) संहिता और भारतीय साक्ष्य (सेकेंड) विधेयक पास किए थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन विधेयकों को मंजूरी दे दी थी सुप्रीम कोर्ट Supreme court
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ये नए कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि ये कानून अब तक लागू नहीं हुए हैं।
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