(आकाश शर्मा)- TAMILNADU GOVERNER DESICION-तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने गुरुवार को एक फैसला लिया, जिससे वह मीडिया की सुर्खियों में आ गए।
राज्यपाल आरएन रवि ने कैबिनेट मंत्री सेंथिल बालाजी की बर्खास्त कर दिया था, लेकिन अब फैसले वापस ले लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह के बाद राज्यपाल ने यह फैसला लिया, अब राज्यपाल ने इस मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल से कानूनी राय मांगी है। जब तक अटॉर्नी जनरल का कोई जवाब नहीं आता, तब तक मंत्री सेंथिल बालाजी अपने पद पर बने रहेंगे।
आखिर राज्यपाल ने मंत्रिमंडल से क्यों किया बर्खास्त ?
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने मंत्री सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया था। राजभवन ने बयान जारी करके कहा था कि सेंथिल बालाजी पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप है, वे मंत्री के पद का गलत इस्तेमाल कर रहे है। जांच में सहयोग नही कर रहे है। फिलहाल अब उनका बर्खास्त का फैसला वापस हो गया।
मंत्री सेंथिल बालाजी के पास बिजली और आबकारी विभाग का कार्यभार है। उन पर नौकरी के बदले पैसे लेने और मनी लॉन्ड्रिंग समेत भ्रष्टाचार के कई आरोप है।ईडी ने सेंथिल बालाजी के 24 ठिकानों पर छापेमारी के बाद 14 जून को उन्हें गिरफ्तार किया था, अपनी गिरफ्तारी के वक्त बालाजी रोते भी दिखाई दिए थे, वे अब ईडी की रिमांड पर हैं।
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राज्यपाल का फैसला असंवैधानिक, राष्ट्रपति राज्यपाल को करें बर्खास्त- कांग्रेस
कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने राज्यपाल पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्यपाल शायद अपना संवैधानिक कार्य भूल गए। इनका फैसला पूरी तरह असंवैधानिक है। संघीय ढांचे में मंत्री पद को नियुक्त कराने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है। संविधान की धारा 164 को राज्यपाल को पता होना चाहिए। गवर्नर के पास किसी मंत्री को कैबिनेट से हटाने का अधिकार नहीं है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राज्यपाल के फैसले पर आपत्ति जताई, और कहां कि हम कोर्ट का रुख करेंगे।
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