(अजय पाल): 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट हर साल अप्रैल के महीने में भक्तों के लिए खोले दिए जाते है और सर्दियों में भैया दूज के दिन बंद कर दिए जाते हैं .जिसके बाद बाबा की पंचमुखी डोली ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में लाई जाती है. जिसके बाद 6 महीने तक इसी मंदिर में बाबा की पूजा की जाती है ।
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15 नवंबर को भैया दूज के पावन अवसर पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। बुधवार सुबह विधि-विधान के साथ कपाट बंद होने के बाद सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ बाबा के कपाटों को बंद किया गया।इस मौके पर लाखों भक्तों ने भोलेनाथ के जयकारे लगाए।आपको बता दे कि केदारनाथ धाम के कपाट बंद बंद होने के बाद सभी भक्त ओंकारेश्वर मंदिर में ही भोलेनाथ के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. इसलिए भी मंदिर शिव भक्तों के लिए बेहद खास है।