Attari-Wagah Border: पंजाब में भारत-पाकिस्तान के बीच बने अटारी-वाघा बॉर्डर पर मंगलवार (20 मई) को 12 दिन बाद रिट्रीट सेरेमनी हुई।भारत की पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक के बाद इसे 7 मई को बंद कर दिया गया था ।रिट्रीट के दौरान भारत और पाकिस्तान सीमा पर बने गेट बंद रखे गए। दोनों देशों के जवानों ने एक-दूसरे से हाथ भी नहीं मिलाया। इस दौरान BSF की महिला जवानों की टुकड़ी ने भी परेड की।भारत की तरफ से रिट्रीट देखने के लिए भारी संख्या में लोग तिरंगा लेकर पहुंचे।
BSF जवानों ने जोश दिखाया तो उन्होंने सीटी और तालियां बजाई। हालांकि पाकिस्तान की तरफ वाली गैलरी खाली दिखी।दरअसल अटारी बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी देश की सीमा सुरक्षा का प्रतीकात्मक प्रदर्शन है, जिसमें ध्वज उतारने की ड्रिल का विशेष महत्व है। इस पारंपरिक प्रदर्शन को देखने के लिए जनता का स्वाभाविक उत्साह उमड़ता है। यह समारोह देशवासियों में सशस्त्र बलों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना को बढाता है और इससे देश के प्रति गर्व और देश सेवा के लिए नई ऊर्जा का संचार होता है।
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22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, इस ड्रिल में आवश्यक सुरक्षा उपायों के तहत बदलाव किए गए हैं। पूर्व में, सीमा पर स्थित गेट खुलते थे और परेड का स्वरूप जॉइंट ड्रिल का हुआ करता था। अब, परेड के दौरान गेट बंद रहेंगे और ड्रिल की प्रक्रिया में हैंडशेक नहीं होगा। साथ ही, किसी भी अवसर पर मिठाई या उपहारों का आदान प्रदान नहीं होगा। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, इस प्रदर्शन को दर्शकों के लिए स्थगित कर दिया गया था। वर्तमान परिस्थितियों में, सीमा सुरक्षा बल का यह कार्यक्रम पुनः जनता के लिए खोला गया है, ताकि देशभक्ति के इस अनूठे प्रदर्शन के माध्यम से सुरक्षा बलों और जनता के बीच जुड़ाव और मजबूत हो एवं सीमा सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढे।