लेबनान में हुए पेजर अटैक ने लोगों की सुरक्षा को लेकर बढ़ाई चिंता, ऐसे खतरे को लेकर भारत कितना तैयार ?

लेबनान में एक के बाद एक हुए पेजर ब्लास्ट को लेकर लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। इन धमाकों में 12 लोगों के मारे जाने और हजारों लोगों के घायल होने की खबर है। लेबनानी अधिकारी किसी भी खतरे को भांपते हुए हर उस इलेक्टॉनिक डिवाइस को नष्ट कर रहे हैं जिसमें ब्लास्ट की कोई गुंजाइश है। पूरी दुनिया को इस घटना ने हिलाकर रख दिया है। इस तरह के पेजर और इलेक्ट्रिक डिवाइस ब्लास्ट की घटनाओं को लेकर भारत कितना तैयार है ?

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आपको बता दें, वॉकी-टॉकी, मोबाइल, स्मार्ट वॉच समेत अनेकों इलेक्ट्रिक डिवाइस आज किसी बम जैसे प्रतीत हो रहे हैं। विशेषकर चीन से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट बड़ा खतरा माने जा रहे हैं। लेबनान में पेजर, वॉकी-टॉकी और सोलर पैनल में हुए धमाकों से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

लेबनान जैसे पेजर अटैक का क्या भारत में भी है खतरा ?

लेबनान में हुए पेजर ब्लास्ट की घटनाओं से लोगों में दहशत का माहौल है। दुनियाभर में ये घटना चर्चा का विषय बन गई है। हमारे देश में भी लोगों के मन में ये प्रश्न उठ रहा है कि क्या लेबनान जैसी घटना भारत में भी हो सकती है और देश में इससे कितना खतरा है ? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए मोबाइल और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ मुकेश चौधरी ने कहा है कि, “यह बिल्कुल संभव है। लेबनान में जिन पेजर और वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हुआ, उनके निर्माण के दौरान ही छेड़छाड़ की गई थी। इसे रोकने के लिए मेक इन इंडिया की अवधारणा को मजबूती से लागू करना होगा। हमें भारत में असेंबलिंग इकाइयों पर नज़र रखनी होगी।” चीन से आने वाले मोबाइल, स्मार्टवॉच जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स एक बड़ा खतरा हो सकते हैं।

हालांकि, भारत में पेजर का उपयोग कम हो गया है क्योंकि मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल संचार तकनीकों ने इसकी जगह ले ली है। पेजर अटैक के खतरे को देखते हुए भारत अपनी साइबर सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने में जुटा है। भारत सरकार ने साइबर सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। भारत सरकार ने 2013 में साइबर सुरक्षा नीति बनाई है, जिसमें साइबर सुरक्षा के लिए रणनीतियां बनाकर जरूरी उपायों को बताया है। भारत सरकार ने साइबर सुरक्षा अनुसंधान के लिए कई संस्थानों की स्थापना की है, जिसमें इस तरह की घटनाओं से निपटने का मंथन किया जाता है। इसके साथ ही भारत सरकार ने अन्य देशों के साथ साइबर सुरक्षा सहयोग के लिए कई समझौते किए हैं। इस तरह से इन कदमों से भारत पेजर अटैक और अन्य साइबर खतरों के खिलाफ अपनी सुरक्षा तैयारियों को मजबूत कर रहा है, लेकिन साइबर सुरक्षा एक निरंतर प्रक्रिया है और इसमें निरंतर प्रयास की आवश्यकता है।

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लेबनान में हुए धमाकों का केरल से क्या है कनेक्शन ?

लेबनान में हुए पेजर धमाकों में केरल के वायनाड में पैदा हुए और पले-बढ़े रिनसन जोस की कंपनी की कथित संलिप्तता जांच के घेरे में हैं। इन धमाकों में दो बच्चों समेत कम से कम 12 लोग मारे गए और लगभग 2,800 लोग घायल हो गए। खबर के मुताबिक जोस तब जांच के घेरे में आए, जब एक बल्गेरियाई कंपनी नोर्टा ग्लोबल लिमिटेड के बारे में रिपोर्ट्स सामने आईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये कंपनी लेबनान में हिजबुल्लाह के गुर्गों पर हुए हमले में इस्तेमाल किए गए पेजर की बिक्री से जुड़ी है।

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