Kanwar Yatra: सावन महीने में भोले बाबा को मनाने के लिए श्रद्धालु उनकी भक्ति में सराबोर दिख रहे हैं। उत्तराखंड के हरिद्वार और उत्तर प्रदेश के काशी में गंगा जी के घाटों पर शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है। महादेव पर जलाभिषेक के लिए गंगा जल लेने भारी संख्या में कांवड़िए देशभर में गंगा किनारे बसे इलाकों की यात्रा कर रहे हैं। वहीं सावन के महीने में भगवान शिव से जुड़े प्रतीकों और वस्त्रों की मांग भी बढ़ गई है।
Read Also: आम्रपाली, फजली, लंगड़ा… आम की मिठास में डूबी दिल्ली, भारत आम महोत्सव में लोगों ने उठाए खूब लुत्फ
महादेव की भक्ति में डूबे श्रद्धालु
आपको बता दें, सावन महीने में सड़कों पर कांवड़ियों को हुजूम देखने को मिल रहा है। सभी भक्त भोले भंडारी को मनाने और उनके जलाभिषेक के लिए गंगा जल लेने हरिद्वार और काशी समेत अन्य स्थानों के गंगा घाटों पर भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। इसी के मद्देनजर यूपी और उत्तराखंड की सरकारों ने अलग-अलग रूट डायवर्जन प्लान भी लागू किया है। कांवड़ यात्रा(Kanwar Yatra) के मद्देनजर ऐसे में अब दिल्ली-देहरादून हाईवे (NH-58) को सोमवार से लेकर 2 अगस्त तक बंद कर दिया गया है।
इसके अलावा सावन महीने में भगवान शिव से जुड़े प्रतीकों, झंडों और वस्त्रों की मांग बढ़ गई है। शिव भक्त कांवड़िए इन दिनों गंगाजल लाने के लिए गंगा किनारे बसे इलाकों की यात्रा कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि गंगाजल लेने के लिए घाटों पर उमड़े कांवड़िए भगवान शंकर की तस्वीरें, कपड़े, प्रतीक चिह्न और तरह-तरह के ध्वज खरीद रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है इस साल कांवड़िए ज्यादा जोश में हैं। नेपाल तक से लोग कांवड़ लेने हरिद्वार और वाराणसी पहुंचे हैं।
Read Also: Weather Update delhi: फिर 38.3 डिग्री पहुंचा पारा, आज से मौसम बदलने के आसार,इन राज्यों में बारिश होने की उम्मीद
गौरतलब है, सावन का महीना हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है। सावन के प्रत्येक सोमवार को लोग उपवास रखकर भोलेनाथ का विधि-विधान से पूजा-पाठ और जलाभिषेक करते हैं। इस महीने भगवान शिव के लाखों श्रद्धालु(कांवड़िए) वाहनों से या नंगे पैर सफर कर गंगा जल लेने गंगा घंटों पर जाते हैं और वहां से लाए गंगा जल को कांवड़िए अपने स्थानीय भगवान शिव के मंदिरों में चढ़ाते हैं।
