Neeraj Chopra– टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता और जैवलिन में मौजूदा विश्व चैंपियन नीरज चोपड़ा ने क्षेत्रीय बोलियों को बढ़ावा देने पर जोर देते हुआ कहा कि मातृभाषा में बोलने में शर्म करने की जरूरत नहीं है।
हरियाणा और राजस्थान की क्षेत्रीय बोलियों को बढ़ावा देने के लिए स्टेज ऐप की पहल- ‘बोलियों की क्रांति’ के ब्रांड एंबेसडर बनाए गए नीरज ने लोगों से अपील की कि वे हरियाणवी बोली में बोलने में झिझके नहीं बल्कि इस पर गर्व करें। रविवार को पानीपत जिले के अपने पैतृक गांव खंडरा में जैवलिन चैंपियन ने कहा कि उन्हें अपने माता-पिता और अपने गांव से गहरा लगाव है।
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ट्रैक्टर पर सवार होकर देसी अंदाज में प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे नीरज ने कहा कि जब भी उन्होंने अपनी क्षेत्रीय बोली में बात की तो उन्हें खूब तारीफ मिली हैे, भले ही लोगों को उनका कहा समझ में आया हो या नहीं।
उन्होंने कहा कि वो हरियाणवी बोली को बढ़ावा देना चाहते हैं और ‘बोलियों की क्रांति’ के माध्यम से वे क्षेत्रीय बोलियों को संरक्षित और बढ़ावा देने की कोशिश करेंगे।
PTI
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