शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर, गुरुवार से शुरु हो रहे हैं। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना का महत्व है।
आश्विन मास प्रतिपदा तिथि का आरंभ 06 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है और प्रतिपदा तिथि 07 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक रहेगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था, तब इस पर्व की शुरुआत हुई थी। मां दुर्गा और राक्षस के बीच लड़ाई 9 दिन तक चली थी और दसवें दिन माता रानी से राक्षस का वध किया था। तभी से नवरात्रि मनाने की परंपरा चली आ रही है।
नवरात्रि 07 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 14 अक्टूबर तक रहेंगे। इस साल तृतीया और चतुर्थी तिथि एक साथ पड़ने के कारण नवरात्रि आठ दिन के पड़ रहे हैं। 15 अक्टूबर को दशहरा यानी विजयादशमी का त्योहार मनाया जाएगा।
शारदीय नवरात्रि 2021 तिथियां
पहला दिन (7 अक्टूबर)- मां शैलपुत्री की आराधना
दूसरा दिन (8 अक्टूबर)- मां ब्रह्मचारिणी की आराधना
तीसरा दिन (9 अक्टूबर)- मां चंद्रघंटा और मां कुष्मांडा की पूजा
चौथा दिन (10 अक्टूबर)- मां स्कंदमाता की आराधना
पांचवा दिन (11 अक्टूबर) मां कात्यायनी की आराधना
छठा दिन (12 अक्टूबर) मां कालरात्रि की आराधना
सातवां दिन (13 अक्टूबर)- मां महागौरी की पूजा
आठवां दिन (14 अक्टूबर)- मां सिद्धिरात्रि की पूजा
नौवां दिन (19 अक्टूबर)- दशहरा
नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा- अर्चना की जाती है। मां शैलपुत्री सौभाग्य की देवी हैं। उनकी पूजा से सभी सुख प्राप्त होते हैं।
पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण माता का नाम शैलपुत्री पड़ा। माता शैलपुत्री का जन्म शैल या पत्थर से हुआ, इसलिए इनकी पूजा से जीवन में स्थिरता आती है।
मां को वृषारूढ़ा, उमा नाम से भी जाना जाता है। उपनिषदों में मां को हेमवती भी कहा गया है।
इस दिन सुबह उठकर जल्दी नहा लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना भी की जाती है।
पूजा घर में कलश स्थापना के स्थान पर दीपक जलाएं।
अब मां दुर्गा को अर्घ्य दें।
मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। इस दिन मां को सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पित करें।
मां को सफेद बर्फी का भोग लगाएं।
नवरात्रि घटस्थापना पूजा सामग्री
चौड़े मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन कलश
सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज)
मिट्टी
गंगाजल
कलावा
आम या अशोक के पत्ते
नारियल
सुपारी अक्षत (कच्चा साबुत चावल), पुष्प
लाल कपड़ा
मिठाई
सिंदूर
दूर्वा
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