Trump Tariff: भारत और अमेरिका के बीच शुल्क को लेकर तनाव गहराने के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर जारी वार्ता इस पर निर्भर करेगी कि दोनों पक्ष एक-दूसरे की संवेदनशीलताओं और ‘सीमाओं’ का किस तरह ध्यान रखते हैं। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।सूत्रों ने कहा, “आखिरकार कुछ सीमाएं हैं जिनसे हम समझौता नहीं कर सकते हैं। समझौता इस पर निर्भर करेगा कि दोनों पक्ष इन सीमाओं से किस तरह निपटते हैं। हमारे लिए यह स्पष्ट कर दिया गया है कि किसानों, मछुआरों और छोटे उत्पादकों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा।” Trump Tariff:
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भारत और अमेरिका के बीच इस व्यापार समझौते को लेकर मार्च 2025 से ही बातचीत का दौर चल रहा है और अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। छठा दौर 25 अगस्त से ही शुरू होने वाला था लेकिन अमेरिकी पक्ष ने इसके लिए भारत की अपनी यात्रा स्थगित कर दी है।दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय उत्पादों के आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।Trump Tariff:
पहले उन्होंने 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था लेकिन रूस से तेल की खरीद जारी रखने के जुर्माने के रूप में 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है।बुधवार से भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाने से वस्त्र, रत्न एवं आभूषण और चमड़ा जैसे क्षेत्रों से अरबों डॉलर का निर्यात प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। Trump Tariff:
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सरकारी सूत्रों ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संवाद जारी रहने और दोनों देशों के दीर्घकालिक संबंधों को देखते हुए यह समस्या समय के साथ सुलझ जाने की उम्मीद जताई।सूत्रों ने कहा, “निर्यातकों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारतीय निर्यात की विविधता इस बढ़े हुए शुल्क के प्रभाव को कम कर सकती है।प्रधानमंत्री मोदी पहले ही कह चुके हैं कि वह किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए दीवार बनकर खड़े रहेंगे और भारत इनके हितों के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।प्रस्तावित बीटीए के तहत अमेरिका भारत से मक्का, सोयाबीन, सेब, बादाम और एथेनॉल पर आयात शुल्क कम करने के साथ डेयरी उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग कर रहा है। Trump Tariff:
हालांकि भारत अमेरिका की इन मांगों का जोरदार विरोध कर रहा है क्योंकि ये देश के लघु एवं सीमांत किसानों की आजीविका को प्रभावित कर सकती हैं।सूत्रों ने यह भी बताया कि भारत ने अब तक किसी भी व्यापारिक साझेदार को कृषि एवं डेयरी उत्पादों में इस तरह की शुल्क रियायत नहीं दी है, जिनसे घरेलू कृषि क्षेत्र प्रभावित हो सकता है।प्रस्तावित व्यापार समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को वर्ष 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है, जो वर्तमान में लगभग 191 अरब डॉलर है।भारत और अमेरिका ने इस साल अक्टूबर तक व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने की योजना की घोषणा की हुई है। Trump Tariff: