Jammu Terror Attack: जम्मू में हाल के दिनों में आतंकी हमलों का जबरदस्त इजाफा हुआ है। भारतीय सेना हर हमले पर आतंकियों को करारा जवाब दे रही है। भारतीय सेना मुश्किल परिस्थितियों में भी आतंकियों का सफाया करने के लिए जुटी हुई है। आतंकी हमले में सेना के कई जवान भी शहीद हो चुके । हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर अचानक आतंकी गतिविधियां जम्मू में क्यों बढ़ गई है।आइए जानते हैं कि इन आतंकी हमलों के पीछे आतंकवादियों के क्या मंसूबे है ।
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अमेरिकी ने की ये गलती – आए दिन जम्मू में गोलीबारी की घटना हो रही है।गोलीबारी की घटना में सेना के कई जवान भी मारे जा चुके है।साल 2021 में अफगानिस्तान छोड़कर जाते समय अमेरिकी सेना अपने हथियार व अन्य उपकरण अफगानिस्तान में ही छोड़ दिए थे।जिसका नुकसान अब भारत को भुगतना पड़ रहा है बता दे कि अमेरिकी हथियार अब तालिबानी आतंकवादियों के हाथ में लग चुके है। जो अब पाकिस्तान के आतंकियों के पास पहुंच गए हैं. इन हथियारों को अब भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है।अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में जिन इरेडियम सैटेलाइट कम्युनिकेशन सेट का इस्तेमाल करती थी. वही सेट अब कश्मीर घाटी में एक्टिव होते दिखे है।
अचानक क्यों बढ़ी आतंकी गतिविधियां?
आतंकी हमलों के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ – आतंकवादियों के हौसले इतने बुलंद है कि वे सेना पर हमला करने के बाद आम नागरिकों को भी मार रहे है। डोडा और कठुआ में हुए आतंकी हमलों की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स ने ली है। वहीं, पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट ने पुंछ-राजौरी हमले की जिम्मेदारी ली। ये दोनों आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद का फ्रंट माना जाता है।
घाटी में 500 स्पेशल पैरा कमांडो तैनात- जम्मू संभाग में अचानक आतंकी हमलों में आई तेजी के बीच भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ और पुलिस चौकियों को निशाना बनाए जाने के इनपुट मिले हैं। इसके बाद सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षाबलों को सतर्क करने के साथ ही सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है। हाल में जम्मू क्षेत्र में हाई पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ को देखते हुए भारतीय सेना अलर्ट मोड में आ गई है।भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 50-55 आतंकवादियों को पकड़ने के लिए क्षेत्र में लगभग 500 पैरा स्पेशल फोर्स कमांडो को तैनात किया है.