Ankita Bhandari: उत्तराखंड की एक अदालत शुक्रवार को अंकिता भंडारी हत्याकांड में फैसला सुनाने वाली है और उसका परिवार उम्मीद कर रहा है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।मामले की सुनवाई दो साल आठ महीने तक चली। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से जांच अधिकारी समेत 47 गवाह पेश किए गए।18 सितंबर 2022 को पौड़ी जिले के यमकेश्वर स्थित वनतंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी की कथित तौर पर रिसॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर हत्या कर दी थी।
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अभियोजन पक्ष के मुताबिक अंकिता और पुलकित के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद पुलकित ने भास्कर और गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता को ऋषिकेश में चीला नहर में धक्का दे दिया था।नहर में अंकिता का शव मिलने के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।पुलकित बीजेपी के पूर्व नेता विनोद आर्य का बेटा है। मामला सामने आते ही पार्टी ने आर्य को बाहर का रास्ता दिखा दिया।मामला सामने आने पर स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और उन्हें शांत करने के लिए राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया।
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वीरेंद्र भंडारी, अंकिता के पिता- जिस तरह से मेरी निर्दोष लड़की अंकिता भंडारी को इन तीनों दरिंदों ने मारा है तो मैं पहले से कह रहा हूं कि मौत के बदले मौत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 16 सितंबर 2023 को घोषणा की थी कि अंकिता भंडारी के नाम से जो सरकारी नर्सिंग कॉलेज का नाम रख दिया जाएगा। अभी 20 माह बाद भी मेरी लड़की के नाम से नर्सिंग कॉलेज का नाम नहीं रखा गया है।”