मिजोरम की सभी 40 सीटों पर आज मतदान संपन्न -मतपेटी में बंद हुआ जनता का फैसला

(प्रदीप कुमार)-मिजोरम की सभी 40 सीटों पर आज चुनावी मुकाबला संपन्न हो गया है।मिजोरम में त्रिकोणीय मुकाबला है। एक तरफ जहां मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता बरकरार रखने के लिए चुनाव लड़ रही है। वहीं, दूसरी ओर भाजपा, कांग्रेस सत्ता बदलने के लिए मैदान में है।एमएनएफ केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा है, लेकिन मिजोरम में यह पार्टी किसी गठबंधन में नहीं है। सीएम जोरामथांगा ने  एमएनएफ के पूर्ण बहुमत पाने में पीछे रह जाने पर  भगवा पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर किए गए सवाल पर कहा है कि, ‘मिजोरम में त्रिशंकु विधानसभा नहीं होगी। यह एमएनएफ सरकार होगी और मुझे इसपर पूरा भरोसा है। यहां भाजपा गठबंधन में नहीं है। एनडीए केंद्र में हैं, लेकिन मिजोरम में भाजपा या किसी अन्य पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं है।

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मिजोरम में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट जहां वापसी का दावा कर रही है तो उसे जोरम पीपुल्स मूवमेंट से कड़ी टक्कर मिल रही है।वहीं कांग्रेस भी रेस में है।सीएम जोरमथांगा की एमएनएफ वैसे तो बीजेपी के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस एनईडीए का हिस्सा है और केंद्र में एनडीए की सहयोगी है, लेकिन राज्य में दोनों के बीच दूरी है।बीजेपी ने भाषाई अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, विशेष रूप से जहां मतदाता सूची में रियांग और चकमा आदिवासी समुदाय बड़ी संख्या में हैं।

मिजोरम में कुल 8,57,063 मतदाता और 16 महिलाओं सहित 174 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट एमएनएफ, मुख्य विपक्षी दल ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने 40-40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है और 27 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं।2018 मिजोरम विधानसभा चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट एमएनएफ ने 37.8 फीसदी वोट शेयर के साथ 26 सीटें हासिल की थी।वही जोरम पीपुल्स मूवमेंट ZPM 8 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी जबकि कांग्रेस के खाते में 2018 चुनाव में पांच सीटें आईं थीं,वहीं बीजेपी ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी।कहा जा रहा है कि इस बार के मिजोरम के चुनावी मुकाबले में मणिपुर हिंसा का असर भी देखने को मिल सकता है।

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