Waqf Bill Supreme Court Hearing: मुस्लिम धर्मगुरुओं और समुदाय के नेताओं को वक्फ मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है।सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विवादास्पद वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया, जिसमें अदालतों द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने और केंद्रीय वक्फ परिषदों तथा बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने की शक्ति शामिल है। शीर्ष अदालत ने आदेश पारित करने का प्रस्ताव रखा, जिसका केंद्र ने विरोध किया और उसने ऐसे किसी भी अंतरिम आदेश से पहले विस्तृत सुनवाई की अपील की।
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समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अदालत मौलिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए अनुच्छेद 25 और 26 के आधार पर रियायत देगी। अदालत संविधान के अनुसार फैसला करेगी।वहीं मुस्लिम धर्मगुरु सनाउल्लाह सिद्दीकी ने पीटीआई वीडियो से कहा, “हमारे संविधान के अनुसार वक्फ अधिनियम गलत है। ये हमारा मौलिक अधिकार है। पूरे भारत से कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया है। मुझे उम्मीद है कि हमें हमारे अधिकार वापस मिलेंगे जो हमें संविधान के तहत दिए गए हैं।इस बीच, उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कांग्रेस और कपिल सिब्बल पर निशाना साधा।
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उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस और कपिल सिब्बल से पूछता हूं कि वक्फ की जमीन पर मॉल और व्यावसायिक कार्यालय कैसे बनाए गए, जिस पर स्कूल और कॉलेज बनने चाहिए थे? जो लोग नए कानून का विरोध कर रहे हैं, उनकी संपत्ति वक्फ की जमीन पर है। वो मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं। मैं विरोध कर रहे लोगों के अभिभावकों से अपील करता हूं कि अपने बच्चों को इन भेड़ियों से बचाएं।शीर्ष अदालत गुरुवार को मामले की सुनवाई जारी रखेगी।
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