(प्रदीप कुमार): शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी को पत्र लिखकर नेशनल आर्काइव्स ऑफ इंडिया के अवलोकन के बारे में बताते हुए कहा है कि 1962, 1965 और 1971 के युद्धों के साथ-साथ हरित क्रांति का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने पत्र में लिखा, यह सार्वजनिक अभिलेख अधिनियम, 1993 के तहत ऐतिहासिक महत्व की जानकारी और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 जैसे औपनिवेशिक विधानों के अनुप्रयोग द्वारा आम जनता, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के लिए अभिलेखों की पारदर्शिता और पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
पत्र में शिवसेना सांसद ने कहा कि 25 साल से पुराने महत्वपूर्ण युद्ध रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने के रक्षा मंत्री के हाल के आदेश की काफी सराहना की जा रही है। उन्होंने लिखा, यह भी सुझाव दिया गया है कि संबंधित विषय की संवेदनशीलता के आधार पर ऐसे दस्तावेजों की समीक्षा और अध्ययन के लिए गठित समिति को नौकरशाही नियंत्रण से मुक्त रखा जा सकता है।
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शिवसेना सांसद ने कहा कि भारत का राष्ट्रीय अभिलेखागार भारत के इतिहास और पहचान का संरक्षक है। शिवसेना सांसद ने कहा कि यदि इतिहास को संरक्षित नहीं किया गया और इसे समझने की कोशिश करने वालों के लिए अधिक सुलभ नहीं बनाया गया,तो ये एक काल्पनिक अतीत का उपयोग करने और भूली हुई गलतियों को दोहराने जैसा होगा।
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