Wayanad landslide: युवाओं के इस ग्रुप में ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर शामिल है। ये युवा केरल के वायनाड में भूस्खलन हादसे के बाद आई तबाही के बीच देवदूत बनकर उभरे हैं। हादसे के बाद ये युवा, लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए की जा रही कोशिशों का हिस्सा बने। पिछले 10 दिनों से ये दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। ये युवा करुण्या रेस्क्यू एंड पल्स इमरजेंसी टीम का हिस्सा हैं। इन्हें केरल सरकार की एजेंसियों से डिजास्टर रिस्पांस में खास ट्रेनिंग मिली है।
Read Also: पृथ्वी के आंतरिक हिस्से की गति को लेकर वैज्ञानिकों ने किया बड़ा दावा
उत्तरी केरल जिले में भूस्खलन आने के बाद से ही टीम लगातार काम कर रही है। ग्रुप से जुड़े लोग सबसे दूर-दराज की जगहों तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं। खतरनाक इलाकों और जंगली जानवरों का सामना करते हुए टीम भूस्खलन स्पॉट से 25 किलोमीटर दूर चलियार नदी के किनारे से लेकर चलियार मुत्तोम तक सर्च ऑपरेशन में जुटी है। उसने उस इलाके से कई शवों के हिस्से बरामद किए हैं।
Read Also:इस उद्देश्य से हुई थी हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत, PM मोदी ने लोगों से किया आग्रह
दोनों टीमों के सदस्य हमेशा अलर्ट पर रहते हैं, और जब भी कोई आपदा आती है तो लोग सबसे पहले उन्हीं को बुलाते हैं।टीम ने भूस्खलन में अपने एक सदस्य को भी खो दिया।टीम में 37 यूनिट हैं, जिनमें 173 सदस्य हैं। इनमें से ज्यादा इलाके में रहते हैं। वे सभी अपनी रोज़ाना की कमाई से पैसे जमा करके रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए जरूरी कुछ सामान खरीदते हैं।मुश्किलों से गुजरने और व्यक्तिगत नुकसान होने पर भी वे मदद करने से पीछे नहीं हटते। भले ही सरकारी बल रुक जाएं लेकिन वे तलाशी का काम जारी रखते हैं।
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter

