रोहतक(देवेंद्र शर्मा): मानसून के मौसम में बरसात ना होने के चलते किसान और मजदूर दोनों को ही घाटा हो रहा है।
बरसात कम होने की वजह से किसान अपने खेतों में धान की रोपाई नहीं कर पा रहा है वहीं, प्रदेश से मजदूरी के लिए आए मजदूरों को भी काम नहीं मिल पा रहा है।
नहरों में पानी कम है और किसान सिंचाई के लिए ट्यूबेल पर निर्भर है। ऐसी स्थिति में किसान खेती करें तो भी मुश्किल और ना करें तो भी मुश्किल। अब तो बरसात होने पर ही किसान के खेतों में धान की रोपाई हो पाएगी और मजदूर को भी काम मिल पाएगा।
कुछ किसानों का कहना है कि बारिश ना होने की वजह से उसे हर रोज का घाटा हो रहा है साथ ही बढ़े हुए तेल के दामों ने उत्पादन लागत डेढ़ से 2 गुना तक बढ़ा दी है।
दूसरी तरफ बिहार से धान की रोपाई की मजदूरी के लिए पहुंचे मजदूर भी बारिश की कमी से मुश्किल में पड़ गए हैं। सिकंदर कुमार मजदूर का कहना है की वह अपने 17 साथियों के साथ यहां मजदूरी के लिए आए हुए हैं।
लेकिन बरसात ना होने की वजह से किसान के खेत में धान की रोपाई नहीं हो पा रही है, जिससे उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है और खाली बैठना पड़ रहा है। मजदूरों को उम्मीद है कि जल्द बारिश आएगी, जिससे उन्हें काम ज्यादा मिलने लगेगा।
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