Nipah Virus:दक्षिण भारत में निपाह वायरस का पहला मामला 2018 में कोझिकोड से सामने आया था।विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निपाह वायरस संक्रमण एक ज़ूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से लोगों में फैलती है और दूषित भोजन के माध्यम से या सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है।ज़ूनोटिक रोगों की विशेषज्ञ डॉ. सी. लता के अनुसार, यह वायरस फल वाले चमगादड़ों से फैलता है, जिन्हें उड़ने वाली लोमड़ी भी कहा जाता है जो इस इलाके में खूब पाई जाती हैं।
चमगादड़, विशेषकर फल वाले चमगादड़। जिन्हें हम उड़ने वाली लोमड़ी कहते थे जलाशय हैं। उसे मानव आबादी में इस वायरस का स्रोत माना जाता है।निपाह का दूसरा प्रमुख कारण राज्य की पारिस्थितिकी, भूगोल और जलवायु में छिपा हुआ है। चमगादड़ों की आबादी को बनाए रखने के साथ-साथ हमारी ऊष्ण कटिबंधीय जलवायु भी इस वायरस के लिए काफी अनुकूल है। दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह है कि जनसंख्या घनत्व में इजाफे के कारण भूमि जोत कम हो गई है।
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और मानव वन्यजीव इंटरफ़ेस बहुत अधिक हो गया है।जंगलों में मानव घुसपैठ और वनों की कटाई डॉ. लता के मुताबिक निपाह के फिर से लौटने का एक और कारण हैं।मंगलवार को कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के तुरंत बाद, राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लोगों से न घबराने और सावधानी बरतने की अपील की है।
निपाह वायरस से बचाव के तरीके –
चमगादड़ और सूअर के संपर्क से बचें ।
जमीन पर गिरे हुए फल या सब्जियां न खाएं ।
मास्क लगाकर रखे ।
समय-समय पर हाथ थोते रहें ।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें ।
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