Winter Session of Parliament: 18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो गया है। वहीं राज्यसभा की कार्यवाही भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है।संसद का यह सत्र 25 नवंबर से शुरू हुआ था।पूरे सत्र में कुल 20 बैठकें हुईं। दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा में लगभग 105 घंटे कार्यवाही चली है।सत्र के दौरान लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 54 फीसदी राज्यसभा में 41 फीसदी रही। सदन में कुल चार बिल पेश किए गए। हालांकि, कोई पारित नहीं हो सका। सबसे चर्चित एक देश, एक चुनाव के लिए पेश हुआ 129 वें संविधान संशोधन बिल रहा।
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इस बिल को समीक्षा के लिए 39 सदस्यीय जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी JPC के पास भेजा गया। कमेटी में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सांसदों को चुना गया है।कमेटी को संसद के अगले सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन लोकसभा में रिपोर्ट देनी होगी।वही सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में संविधान के 75 साल पूरा होने के गौरवशाली यात्रा पर विशेष चर्चा हुई है।लोकसभा में इस चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री ने दिया तो वहीं राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान पर हुई चर्चा का जवाब दिया।इस दौरान सत्तापक्ष – विपक्ष के बीच संविधान पर बहस को लेकर जोरदार बयान बाजी देखने को मिली है।सत्र की शुरुआत अडानी मुद्दे पर हंगामे से हुई।फिर विपक्षी सांसदों ने मणिपुर और किसानों का मुद्दा भी उठाया। वही सत्ता पक्ष की ओर से जॉर्ज सोरेस का मुद्दा उठाते हुए विपक्ष को घेरा गया।
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संसद सत्र खत्म होते-होते अंबेडकर मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। 19 दिसंबर को तो बात धक्का-मुक्की पर आ गई। दो BJP सांसद घायल हो गए। लोकसभा नेता विपक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगा। उनके खिलाफ FIR हो गई। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए आज भी हमला बोलावही संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बयान दिया कि सांसदों को हर समय संसदीय मर्यादा बनाए रखनी चाहिए।रिजिजू ने कहा कि, “सांसद के रूप में, हमें संसदीय मर्यादा को बनाए रखना चाहिए, जो कुछ भी कहना है, वह मौखिक रूप से किया जाना चाहिए
वही आज शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन भी हंगामे के नाम रहा।संसद परिसर में अंबेडकर के अपमान के मुद्दे पर विपक्ष ने जोरदार प्रदर्शन किया।विजय चौक से संसद परिसर तक मार्च करते हुए विपक्षी सांसदो ने नारेबाजी की वहीं संसद परिसर में सत्ता पक्ष के सांसदों ने भी बाबा अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाते हुए विपक्ष को जमकर घेरा।सदन में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आग्रह किया कि कोई भी राजनीतिक दल, सांसद या सदस्यों का समूह संसद भवन के द्वार पर धरना या प्रदर्शन आयोजित नहीं करेगा। सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने सभी से सदन और संसद जैसी प्रतिष्ठित संस्था की गरिमा और मर्यादा को बनाए रखने का भी आग्रह किया।वही आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जोरदार हंगामें के चलते पहले लोकसभा और उसके बाद राज्यसभा की कार्रवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
