(अजय पाल) विश्व विरासत सप्ताह प्रतिवर्ष पूरे विश्व में 19 नवंबर से 25 नवंबर तक मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक -ऐतिहासिक धरोहर के बारे में जानकारी देना है। हर साल की तरह विश्व धरोहर सप्ताह काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है। भारत की पहली विश्व धरोहर महाराष्ट्र में स्थित एलोरा की गुफाएं है। वर्तमान में भारत में 40 विश्व धरोहरें हैं। यूनेस्को ने भारत की जिन 40 धरोहरों को विश्व धरोहर घोषित किया उसमे भारत की सात प्राकृतिक 32 सांस्कृतिक और एक मिश्रित स्थल है । यूनेस्को हर साल 25 धरोहरों को विश्व विरासत की लिस्ट में शामिल करता है। ताकि उन धरोहरों का संरक्षण किया जा सके। भारत देश में संस्कृति ,धर्म ,और परंपरा का जीवन में विशेष महत्व है। हम सब के लिए सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना महत्वपूर्ण हो जाता है। ताकि आने वाली पीढ़ियां हमारी सांस्कृतिक विरासत व विश्व धरोहर के बारे में जान सके ।भारत सरकार के द्वारा भी समय समय पर विश्व धरोहर को बचाने के लिए कई कार्यक्रम पर आयोजित किये जाते हैं।
सप्ताह के पहले दिन देश के सभी ऐतिहासिक स्मारकों को सैलानियों के लिए फ्री खोल दिया गया।
देश में प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जाता है। इस दिन सभी ऐतिहासिक स्मारकों को जनता के लिए खोल दिया जाता है। देश की राजधानी दिल्ली में स्थित स्मारकों में पर्यटन व नागरिक फ्री घूम सकते है ।सैलानी दिल्ली में लाल किला .कुतुब मीनार .हुमायूँ का मकबरा ,कोटला फिरोजशाह , हौज खास परिसर, तुगलकाबाद किला और सुल्तानगढ़ी घूम सकते है। अगर हम आगरा की बात करे तो आप आगरा में सिकंदरा, एत्माद्दौला .चीनी की रोजा ,.लाल किला , मरियम टॉम्ब के साथ ताजमहल भी ऐतिहासिक स्मारकों में शामिल है। आगरा में पर्यटकों को ताजमहल में एंट्री फ्री रहेगी लेकिन ताजमहल के मकबरा को देखने के लिए टिकट खरीदना होगा।
कब हुई विश्व धरोहर सप्ताह मनाने की शुरुआत इसके इतिहास व महत्व को जाने
1968 में अंतरराष्ट्रीय संगठन ने दुनिया भर के प्रसिद्ध इमारतों व स्थलों की सुरक्षा का प्रस्ताव पारित किया। जिसको स्टॉकहोम में आयोजित किया गया। उसके बाद यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज की स्थापना हुई । अगर हम बात करे विश्व धरोहर सप्ताह के महत्व की तब प्रत्येक देश का अपना अतीत और उस अतीत से जुड़ी कई गौरव गाथाएं।
होती है। इन गौरव गाथा को बयां करती है उस देश में स्थित युद्ध , महापुरुषों के महल . कला.संस्कृति.आदि। इन सब को इतिहास के पन्नों में दर्ज कराने के साथ ही सबूत के तौर पर इन स्थलों को सदैव जीवित रखना। दुनियाभर में बहुत से संगठन है ।जो विश्व धरोहरों के संरक्षण पर काम करते है ।विश्व धरोहर सप्ताह में यह संगठन विश्व धरोहर सप्ताह को अपने अपने तरीके से मनाते है । इस दिन फोटो वॉक व हेरिटेज वॉक का आयोजन किया जाता है। उनके संरक्षण की शपथ लेते है । व लोगों को ऐतिहासिक स्मारकों व धरोहरों के बारे में जागरूक किया जाता है।
दुनियाभर में कई ऐसी विश्व विरासत व धरोहर है जो वक्त के साथ जर्जर होती जा रही है। इन विरासतों के स्वर्णिम इतिहास और उनके निर्माण को बचाये रखने लिए विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जाता हैं। ऐसे में हम सब के जरूरी है कि ऐतिहासिक स्मारकों को जर्जर होने से बचाना व उनका सही रखरखाव करना। यह दिन देश के लिए खास महत्व रखता है। जो अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक धरोहरों, यूनिक निर्माण शैली ,इमारतों व स्मारकों को बरकरार रखना चाहते है।
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