प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’ करार देते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आजाद ने पार्टी को धोखा दिया है और उनका रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आजाद पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘जीएनए’ (गुलाम नबी आजाद) का डीएनए ‘मोदी-मय’ हो गया है। जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ऐसे समय पर यह कदम उठाया जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है और त्यागपत्र में कही गई बातें तथ्यपरक नहीं हैं, इसका समय भी ठीक नहीं है।
गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के मुद्दे पर बोलते हुए पार्टी नेता अजय माकन ने कहा है कि ये दुखद है कि हम BJP से महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर लड़ रहे हैं और उन्होंने पार्टी को छोड़ने का फैसला किया है,ये दुःखद है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी से ‘निजी खुन्नस’ और राज्यसभा में न भेजे जाने के कारण त्यागपत्र में ‘अनर्गल बातें’ की हैं। पार्टी नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया है कि, ‘‘पार्टी को कमजोर करने में इन्हीं लोगों का तो योगदान रहा है। आप लोगों की वजह से पार्टी कमजोर हुई है।पार्टी का कार्यकर्ता इस धोखे को जानता है। कार्यकर्ता यह भी जानता है कि जो व्यक्ति इस समय धोखा दे रहा है उसका रिमोट कंट्रोल पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ में है।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी कहा कि उन्हें आज़ाद से ये उम्मीद नही थी।गहलोत ने कहा कि जब संजय गांधी फैसले लेते थे तो मुझे भी ठीक नहीं लगते थे, पर मैं एनएसयूआई में काम करता रहा। मेरी तरह बहुत से लोग ऐसे थे जो संजय गांधी के फैसलों से इत्तफाक नहीं रखते थे। गुलाम नबी आजाद संजय गांधी के बहुत करीबी रहे हैं। उन्होंने पार्टी में कई पदों पर कार्य किया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसा पत्र लिखेंगे।
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सीएम गहलोत ने कहा कि आज राहुल गांधी का दौर है। कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने की उनकी अपनी सोच है। हमने 40 साल तक संजय गांधी और इंदिरा जी के साथ उनके तरीके से काम किया है। गुलाम नबी आजाद मेरे 42 साल पुराने मित्र हैं, मुझे बुरा लग रहा है। इधर आजाद के इस्तीफे पर बीजेपी ने देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी पर तंज कसा है। बीजेपी ने कहा कि ‘‘भारत जोड़ने’’ का काम वह कर रही है इसलिए कांग्रेस के “दरबारियों” को “कांग्रेस जोड़ो” अभियान चलाना चाहिए। बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर आजाद के इस्तीफे की चिट्ठी के पांचवें पेज को साझा किया और “कांग्रेस जोड़ो” के सुझाव वाले हिस्से को रेखांकित करते हुए कहा कि “देश हम जोड़ रहे हैं, आप कांग्रेस जोड़ो ‘दरबारियों’।”
दरअसल आजाद से पूर्व, कांग्रेस छोड़ चुके कई नेता पहले से ही आरोप लगा चुके हैं कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ‘‘दरबारियों’’ से घिरा हुआ है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक ट्वीट कर कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि “कांग्रेस दरबार” ऐसे किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं कर सकता जो आजाद हो, वह सिर्फ गुलाम चाहता है।
बहरहाल आज़ाद के इस्तीफ़े को कांग्रेस धोखा करार दे रही है तो बीजेपी आज़ाद के इस्तीफ़े के बहाने कांग्रेस को घेर रही है।