(अजय पाल): भारत के कई हिस्सों में 22 मार्च बुधवार को रमजान का चांद देखने की कोशिश की गई। लेकिन चांद नजर नहीं आया। आपको बता दे कि प्रमुख मुस्लिम संस्थाओं की ओर से यह घोषणा की गयी 24 मार्च से रोजा रखा जाएगा।
जानिए रमजान का महत्व
रमजान का महीना मुस्लिम समाज के लिए पवित्र महीना माना गया है। रमजान को संयम व इबादत की महीना भी बताया गया है । रमजान के महीने में महीने में अधिकतर मुस्लिम लोग रोज़ा’ करते है। रोज़े का मुख्य उद्देश्य भौतिक चीज़ों पर मनुष्य की निर्भरता को कम करना है।
जमीयत उलेमा ए हिंद ने रोजा को लेकर की यह घोषणा
जमीयत उलेमा के ए हिंद की ओर से यह घोषणा की गयी । बुधवार शाम को रमजान का चांद नहीं देखा गया। इसलिए रमजान का पवित्र महीना शुक्रवार (जुमा ) से शुरू होगा। इससे पहले यह उम्मीद जतायी जा रही थी। 22 मार्च को चांद दिखने पर 23 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा।
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जानिए रोजे रखने का महत्व
आपको बता दे कि रमजान में रोजे को अरबी भाषा में सौम कहते हैं। रोजे को दिन मुस्लिम लोग भूखे व प्यासे रहकर रोजा करते है। रोजा व्यक्ति को झूठ, हिंसा, बुराई, तथा अन्य तमाम तरह के गलत कामों से बचने की प्रेरणा देता है।