दीपावली के चलते देशभर में खुशियों और रोशनी के इस त्योहार की धूम देखने को मिल रही है। आज छोटी दिवाली मनाई जा रही है और कल यानी 20 अक्टूबर को बड़ी दिवाली मनाई जाएगी। बाजारों में लोग खरीदारी करने में जुटे हैं तो वहीं शहर में नौकरी करने वाले लोग दिवाली पर छुट्टी लेकर अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं। इसके चलते सड़कों पर लंबा जाम और भारी भीड़ देखने को मिल रही है। आइए जानते हैं इस दिवाली पर कौन सा शुभ मुहूर्त माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए बेहद फलदायी रहेगा और किस विधि-विधान से पूजा संपन्न की जाए ? जिससे हमारी किस्मत के बंद दरवाजे भी खुल जाएं और माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त हो।
दिवाली पर इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
खुशियों और रोशनी के त्योहार दीपावली पर माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए सही तरीके से और सही समय यानी शुभ मुहूर्त पर पूजा करना अनिवार्य होता है। इस दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर की शाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक का है। हालांकि इस बार अमावस्या तिथि दो दिन पड़ रही है 20 अक्टूबर और 21 अक्टूबर को इसलिए लोग त्योहार मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति में भी हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 5:55 तक रहेगी। इसलिए दीपावली का पर्व 20 अक्टूबर को मनाना ही उचित एवं फलदायी होगा।
इस विधि-विधान से करें पूजा-अर्चना
पूजा से पहले साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। जिस स्थान पर पूजा करनी है वह स्थान बिल्कुल स्वच्छ हो यह सुनिश्चित करें। गंगाजल से छिड़काव कर उस स्थान को पवित्र करें। पूजा की समस्त सामग्री, मिष्ठान, फल इत्यादि एक जगह पर एकत्र कर लें ताकि बीच में उठना ना पड़े या कोई बाधा ना आए। एक आसन बनाएं और उस पर पीला कपड़ा बिछाकर माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें और पास में एक कलश स्थापित करें। स्थान को पुष्पों से सजाएं और घर में रखे जाने वाले दीयों को एक तरफ सुसज्जित करें, इसके अलावा एक अखंड दीपक जलाएं जो रात्रिभर प्रज्वलित रहे। सबसे पहले प्रथम पूज्य भगवान गणेश का पूजन करें और ॐ गं गणपतये नमो नम:, श्री सिद्धि विनायक नमो नम:, अष्टविनायक नमो नम: आदि मंत्रों का जाप करें। फिर माँ लक्ष्मी का पूजन करें और ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः आदि मंत्र का जाप करें। अब पुष्प अर्पित करें, इसमें हो सके तो एक कमल पुष्प जरूर चढ़ाएं और फिर मिष्ठान का भोग लगाएं व जल अर्पित करें। इसके उपरांत एक छोटा हवन करें और जो दीये घर में विभिन्न स्थानों पर रखने हैं उन्हें जलाएं और गणेश, लक्ष्मी की आरती करें। इस तरह पूजा विधिवत पूजा संपन्न करने से माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की असीम कृपा प्राप्त होती है।