Nepal: पड़ोसी देश नेपाल में बुधवार को यानी कल उन ‘Gen-Z’ प्रदर्शनकारियों की मौत पर शोक मनाएगा, जिनकी पिछले हफ़्ते हुए हिंसक सरकार विरोधी आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी। इस आंदोलन के कारण के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफ़ा देना पड़ा और वहीं सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस सुशीला कार्की को देश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया है। Nepal
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सरकार ने कथित भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ Gen-Z समूह द्वारा चलाए गए देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों में मारे गए सभी लोगों की याद में 17 सितंबर को शोक दिवस घोषित किया है। इस प्रदर्शन के दौरान कम से कम 59 प्रदर्शनकारी, 10 क़ैदी और 3 पुलिसकर्मी मारे गए हैं। इसको लेकर गृह मंत्री ओम प्रकाश आर्यल ने कहा कि देश भर में सार्वजनिक कार्यालय बंद रहेंगे और राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। वहीं यह घोषणा भी की है कि सरकार मारे गए लोगों की स्मृति में एक जेनरेशन जेड जागरूकता पार्क का भी निर्माण करेगी। Nepal
सरकार ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को 15 लाख नेपाली रुपये मुआवज़ा देने की भी घोषणा की है। इसको लेकर गृह मंत्री आर्यल ने कहा कि प्रत्येक शोक संतप्त परिवार को मुआवजे के रूप में 10 लाख नेपाली रुपये और अन्य खर्चों के लिए 5 लाख नेपाली रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह धनराशि संबंधित जिला प्रशासन कार्यालयों के माध्यम से वितरित की जाएगी। Nepal
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प्रधानमंत्री कार्की ने रविवार को पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि 8 और 9 सितंबर को Gen-Z के विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को “शहीद” घोषित किया जाएगा। सरकार ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई सभी घटनाओं की जाँच करने का भी निर्णय लिया है। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में जाँच के लिए एक उच्च-स्तरीय न्यायिक जाँच आयोग गठित करने का निर्णय लिया गया है। Nepal
गौरतलब है, नेपाल में सोशल मीडिया पर सरकारी प्रतिबंध के खिलाफ 7 सितंबर को शुरू हुआ Gen-Z युवाओं का विरोध प्रदर्शन जल्द ही एक बड़े अभियान में बदल गया था, जिसमें भ्रष्टाचार और राजनीतिक वर्ग की कथित उदासीनता के प्रति जनता का गुस्सा झलक रहा था। इसी गुस्से के चलते इस प्रदर्शन ने उग्र रूप धारण कर लिया था जिसमें कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।