जन्माष्टमी के बाद अब गणेश चतुर्थी पर्व की तैयारियां तेज, पर्यावरण अनुकूल मूर्तियों की भारी मांग

#गणेश चतुर्थी, पर्व

देशभर में बीते 16 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और अब इसके उपरांत आने वाले गणेश चतुर्थी पर्व की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। उत्तर प्रदेश की संगमनगरी प्रयागराज में इस समय मूर्तिकार भगवान गणेश की पर्यावरण अनुकूल मूर्तियों को बनाने में व्यस्त हैं क्योंकि इन पर्यावरण अनुकूल मूर्तियों की बाजार में भारी मांग है।

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गणेश चतुर्थी से पहले कारीगर पर्यावरण-अनुकूल भगवान श्रीगणेश की मूर्तियों को बनाने में व्यस्त हैं। कारीगरों का कहना है कि इस साल मिट्टी, गोबर और हर्बल रंगों से बनी भगवान गणेश की मूर्तियों की मांग खूब की जा रही है। इन इको-फ्रेंडली मूर्तियों को बनाने में काफी वक्त लगता है। कारीगरों के अनुसार इन्हें बड़ी मात्रा में बनाना मुश्किल हो जाता है।

इस पर्व पर भगवान श्रीगणेश का जन्मदिन मनाया जाता है। इस मौके पर लोग घरों में भी गणपति की मूर्ति की स्थापना कर पूजा-अर्चना करते हैं। दस दिनों तक चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत 27 अगस्त से होगी। इस पावन पर्व के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में विशेषकर महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

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