बिहार में आज यानी 6 नवंबर को विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। इसमें 3.75 करोड़ मतदाता 1,314 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे, जिनमें महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव और बीजेपी के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जैसे नेता शामिल हैं।
बिहार में अहम विधानसभा सीटों के साथ 121 सीटों पर मतदान की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। मतदान अधिकारी और सुरक्षा बल सुचारू मतदान सुनिश्चित करने में जुटे हैं। वोटिंग से एक दिन पहले अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और दूसरे समानों के साथ केंद्र पर तैनात दिखे। सुबह 7 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और शाम 6 बजे तक मतदान किया जा सकेगा। इसको लेकर वोटर्स से अपील की गई है कि पहले मतदान फिर जलपान।
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छपरा में मतदान केंद्रों पर चहल-पहल रही। पुलिसकर्मी कड़ी निगरानी के लिए मौजूद रहे, जबकि पोलिंग पार्टी ईवीएम को मतदान केंद्रों की ले जाते नजर आए। अधिकारियों का कहना है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं।
पटना साहिब में संवेदनशील इलाकों में भारी सुरक्षा व्यवस्था देखी गई। मतदान अधिकारी कड़ी निगरानी में ईवीएम ले जाते दिखे और संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। मुंगेर में पोलिंग पार्टियां ईवीएम को अपने-अपने मतदान केंद्रों तक ले गईं, जबकि सुरक्षाकर्मी पूरी प्रक्रिया की सुरक्षा के लिए उनके साथ थे। नालंदा के सोहरा हाई स्कूल में पोलिंग पार्टियां ईवीएम और अन्य चुनाव सामग्री लेने के लिए जमा हुए। उसके बाद मतदान अधिकारी वोंटिंग के लिए अपने-अपने मतदान केंद्रों की ओर रवाना हो गए।
तेजस्वी यादव राघोपुर में हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं, जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सतीश कुमार हैं, जिन्होंने 2010 में जेडीयू से चुनाव लड़कर तेजस्वी की मां राबड़ी देवी को हराया था। इस सीट पर जोरदार मुकाबला होने की उम्मीद थी, क्योंकि जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी, कि वो तेजस्वी को उनके ही गढ़ में चुनौती देंगे।
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हालांकि, प्रशांत किशोर ने चुनाव न लड़ने का फ़ैसला किया और उनकी पार्टी ने कम चर्चित उम्मीदवार चंचल सिंह को टिकट दे दिया। राघोपुर के पास कीे अहम सीट है महुआ, जहां से तेजस्वी से अलग हुए बड़े भाई तेज प्रताप मैदान में हैं। उन्होंने अपनी अलग पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाई है।
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े बेटे, मौजूदा आरजेडी विधायक मुकेश रौशन से ये सीट छीनना चाहते हैं, हालांकि एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उम्मीदवार संजय सिंह और 2020 की उप-विजेता निर्दलीय आशमा परवीन की मौजूदगी ने चुनावी समीकरण बिगाड़ दिया है।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत नीतीश कुमार सरकार के कई मंत्रियों के चुनावी किस्मत का फैसला भी पहले चरण के चुनाव में होगा। दूसरी अहम सीटों में युवा लोक गायिका मैथिली ठाकुर बीजेपी की टिकट पर अलीगंज, भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव आरजेडी से छपरा और रितेश पांडे जन सुराज पार्टी से करगहर से मैदान में हैं।
करीब एक दर्जन मंत्री चुनाव मैदान में हैं, जिनमें से ज्यादातर बीजेपी से हैं, जिसकी विधानसभा में बेहतर संख्याबल के कारण मंत्रिमंडल में बड़ी हिस्सेदारी है। सबसे ज्यादा अहम सीट मोकामा मानी जा रही है। जहां से जेडीयू के अनंत सिंह हैं, जो चुनाव प्रचार के दौरान जन सुराज पार्टी के एक कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में जेल में हैं। अनंत सिंह का सीधा मुकाबला बाहुबली सूरजभान की पत्नी और आरजेडी उम्मीदवार वीणा देवी से है।
चुनाव आयोग के मुताबिक जिन 121 सीटों पर मतदान होना है, उनमें से एक राज्य की राजधानी पटना के पश्चिमी हिस्से की सीट दीघा है, जहां सबसे ज्यादा करीब 4.58 लाख मतदाता हैं, जबकि शेखपुरा जिले के बरबीघा में सबसे कम 2.32 लाख मतदाता हैं।
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कुरहानी और मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा 20-20 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि परबत्ता के अलावा भोरे और अलौली आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों से पांच-पांच उम्मीदवार हैं। गुरुवार को कुल 45,341 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे, जिनमें से ज्यादातर 36,733 ग्रामीण इलाकों में हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, 121 निर्वाचन क्षेत्रों के 3.75 करोड़ मतदाताओं में से 10.72 लाख “नए मतदाता” हैं। हालांकि, 18-19 साल आयु के मतदाताओं की संख्या 7.38 लाख है।
चुनाव आयोग के मुताबिक इन निर्वाचन क्षेत्रों की कुल जनसंख्या 6.60 करोड़ है, जिससे पता चलता है कि करीब तीन करोड़ लोग कम उम्र या दूसरे कारणों से वोटर लिस्ट में शामिल नहीं हैं। विधानसभा चुनाव वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर के तुरंत बाद हो रहे हैं, जिसमें अब राज्य भर में 7.24 करोड़ मतदाता हैं, जो इस प्रक्रिया से पहले की संख्या से करीब 60 लाख कम है।
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