Varanasi News: जब हॉस्पिटल में मरीजों से मिलने के लिए लोग आते हैं तो जब उनको चाय-पानी दिया जाता है तो वो इधर-उधर कूड़ा फेंक देते हैं डस्टबिन में नहीं डालते हैं। एक कर्मचारी रखते हैं जिसको हम लोग 10 हजार रुपये सैलरी देते हैं अगर उसको सालाना देना पड़े तो एक लाख 20 हजार रुपये हो जाता है। तो इसको मैंने 30 हजार रुपये में तैयार किया हुआ है तो एक बार अगर ये बन जाए तो ये पर्मानेंटली हॉस्पिटल में काम करेगा।
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सुमित श्रीवास्तव, प्रिंसिपल, क्वींस कॉलेज: ऐसे बच्चों के लिए हमने एक टीम बनाई हुई है और उस टीम को हमने ये कहा है कि हर क्लास में आप उन बच्चों को ढूंढिए जो साइंस में बेहतर कर सकते हैं, आर्ट में बेहतर कर सकते हैं, पेंटिंग में बेहतर कर सकते हैं, खेल में बेहतर कर सकते हैं। हमने एक टीम बनाई हुई है ये हर क्लास से डिफरेंट इंटरेस्ट के बच्चों को ढूंढती है। फिर उस हिसाब से बच्चों को तैयार करते हैं, उनको ट्रेनिंग देते हैं।वाराणसी के गवर्नमेंट क्वींस कॉलेज में कक्षा 12 वीं के छात्र प्रीतम शर्मा ने एक रोबोट बनाया है, जिसके बारे में उनका दावा है कि ये नर्सिंग ड्यूटी को पूरा करने में सक्षम है।प्रीतम शर्मा के मुताबिक रोबोट अस्पताल में मरीजों को दवाएं और दूसरी जरूरी चीजें पहुंचा सकता है। इसके अलावा रोबोट में अस्पताल में सफाई बनाए रखने के लिए एक कूड़ेदान भी है।स्कूल के प्रिंसिपल को प्रीतम की इस उपलब्धि पर गर्व है। उन्होंने कहा कि स्कूल का लक्ष्य सभी छात्रों में कुछ नया कर दिखाने की भावना को पैदा करना है।प्रीतम शर्मा का कहना है कि रोबोट को बनाने में उन्हें छह महीने का वक्त लगा। उनके मुताबिक इस दौरान उन्हें अपने शिक्षकों, दोस्तों और रिश्तेदारों से काफी मदद मिली।
(Source PTI)