कावेरी जल विवाद:पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस सांसद एच. डी. देवेगौड़ा विवादास्पद कावेरी जल-बंटवारा मुद्दे पर बात करते-करते सोमवार को भावुक हो गए।जेडीएस अध्यक्ष ने कावेरी जल-विवाद मुद्दे पर उस चिट्टी की कॉपी भी दिखाई, जो उन्होंने 23 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी को लिखी थी।चिट्ठी में सारा विवरण दिया हुआ है। मुझे उम्मीद है कि माननीय प्रधानमंत्री उचित कार्रवाई करेंगे। ये मुद्दा राज्यसभा में भी उठाया गया था। उस समय भी मैंने अपील की थी। इसलिए मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे, ताकि कर्नाटक को आगे कोई नुकसान न हो।इस मुद्दे पर जेडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कर्नाटक सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब राज्य में ही पानी की किल्लत है, तो तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ने की कोई जरूरत नहीं थी।
एच. डी. कुमारस्वामी, नेता, जेडीएस:जमीनी हकीकत क्या है? अब भी कर्नाटक में खड़ी फसलों के लिए दो बार पानी की जरूरत है। लेकिन जल भंडार और यहां तक कि पीने के लिए भी पानी का बंदोबस्त करना बेहद मुश्किल है। ये जानने के बाद सरकार ने अपना दिमाग लगाए बिना जल्दबाजी की। तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ा।
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दूसरी ओर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि बीजेपी और जेडीएस – दोनों कावेरी मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। इस मुद्दे पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार कोर्ट में मजबूती से अपनी दलील रखेगी।सिद्धारमैया, मुख्यमंत्री, कर्नाटक:सुप्रीम कोर्ट ने हमारी याचिका खारिज कर दी है। उन्होंने तमिलनाडु की याचिका भी खारिज कर दी है। क्योंकि उन्होंने 24,000 क्यूसेक पानी की मांग की थी और बाद में 7,200 क्यूसेक पानी और मांगा था। हमने कहा कि हम 5000 क्यूसेक पानी भी नहीं दे सकते, क्योंकि हमारे पास पर्याप्त पानी नहीं है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया। इस मामले पर 26 सितंबर यानी कल फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। हमें उम्मीद है कि हम अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे।जेडीएस ने 26 सितंबर को बेंगलुरू में कई संगठनों के बंद के आह्वान को समर्थन दिया है। इन संगठनों ने तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़ने के कर्नाटक सरकार के फैसले के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है।
(Source PTI )