Bengaluru News- तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ किसानों और कन्नड़ संगठनों के बेंगलुरू बंद’ का मंगलवार को ज्यादा असर नहीं देखा गया। ज्यादातर सार्वजनिक सेवाएं सामान्य रूप से चलीं, लेकिन सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम नजर आई। बंद को भारतीय जनता पार्टी और जनता दल-सेक्युलर ने समर्थन दिया है। किसान नेता कुरुबुरु शांताकुमार के नेतृत्व में किसान संघों और दूसरे संगठनों के प्रमुख संगठन ‘कर्नाटक जल संरक्षण समिति’ ने मंगलवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बेंगलुरू बंद का आह्वान किया है।
‘टाउन हॉल’ की ओर विरोध मार्च निकालने की कोशिश कर रहे शांताकुमार और ‘कर्नाटक जल संरक्षण समिति’ के नेताओं को पुलिस ने मैसूरू बैंक सर्कल में हिरासत में ले लिया। टाउन हॉल में विरोध प्रदर्शन के लिए जुटे कन्नड़ संगठनों के कई कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने वहां से हटा दिया। किसान नेताओं और कन्नड़ कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन और बंद के खिलाफ कथित तौर पर पुलिस बल का इस्तेमाल करने के लिए सरकार पर हमला बोला। किसानों और कन्नड़ समर्थक संगठन ‘फ्रीडम पार्क’ में विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। वहां धरने-प्रदर्शन की इजाजत है।
शहर की पुलिस ने प्रदर्शनों के दौरान हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। करीब 100 पलटनें तैनात की गई हैं। बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने बताया कि बंद के मद्देनजर सोमवार आधी रात से मंगलवार आधी रात तक शहर भर में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मौजूदा प्रतिबंधों और अदालत के आदेशों के अनुसार शहर में किसी भी बंद या जुलूस की अनुमति नहीं है।
कन्नड़ कार्यकर्ता वतल नागराज के नेतृत्व में कन्नड़ संगठनों के प्रमुख संगठन ‘कन्नड़ ओक्कुटा’ के बैनर तले 29 सितंबर को कर्नाटक बंद की घोषणा की गई है। वे आज के बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं। बेंगलुरू शहरी जिले के उपायुक्त दयानंद के. ए. ने बंद के मद्देनजर मंगलवार को शहर के सभी स्कूल और कॉलेज में छुट्टी की घोषणा की है।
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कैब सेवाएं, ऑटो और होटल/रेस्तरां सेवाएं सामान्य रूप से उपलब्ध हैं, लेकिन वाहन चालकों और होटल संचालकों ने कहा कि बहुत ज्यादा लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे। बेंगलुरू मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) की बसें और मेट्रो रेल सेवाओं की भी यही स्थिति है। बस और मेट्रो स्टेशन पर भीड़ अपेक्षाकृत कम देखी गई।
‘ओला-उबर चालक संघ’ और होटल मालिक संघ ने कहा है कि आज उनकी सेवाएं सामान्य रहेंगी। उन्होंने कन्नड़ समर्थक संगठनों के 29 सितंबर के कर्नाटक बंद को समर्थन देते हुए कहा कि वे वित्तीय परेशानियों के बीच दो दिन काम का नुकसान नहीं कर सकते। आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) क्षेत्र समेत ज्यादातर निजी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है। शहर के कुछ मॉल को बंद रखने का फैसला किया गया है। कई दुकानें और प्रतिष्ठान भी सुबह सामान्य दिनों की तरह नहीं खुले।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने सोमवार को प्रदर्शन तेज होने के बीच कहा था कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों को नहीं रोकेगी, लेकिन शांति व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए। कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और विनियमन समिति के आदेशों में सुप्रीम कोर्ट के दखल से इनकार के बाद कर्नाटक के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। समिति ने कर्नाटक को पड़ोसी तमिलनाडु को 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया था।
किसान संगठन और कन्नड़ समर्थक संगठन कावेरी बेसिन जिलों मैसूर, मांड्या, चामराजनगर, रामनगर, बेंगलुरू और राज्य के कई और हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे राज्य सरकार से पड़ोसी राज्य के लिए पानी नहीं छोड़ने का आग्रह कर रहे हैं। कर्नाटक का कहना है कि वो पानी छोड़ने की हालत में नहीं है, क्योंकि मानसून में कम बारिश की वजह से पानी की कमी है और कावेरी बेसिन इलाकों में फसलों की सिंचाई और पेयजल के लिए उसे खुद इसकी जरूरत है।