अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले को आज 20 साल पूरे हो गए हैं। 2001 में अमेरिका में हुए आतंकी हमले में 2996 लोगों की मौत हुई थी।
यह आतंकी हमला दुनिया का सबसे बड़ा हमला था। 11 सितंबर का दिन अमेरिका के इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इस घटना को देश के इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया था।
11 सितंबर 2001 को रोज़ की तरह दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में शुमार वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर में भी लगभग 18,000 कर्मचारी रोजमर्रा का काम निपटाने में जुटे थे, लेकिन सुबह करीब 8:46 बजे कुछ ऐसा हुआ कि जिससे 11 सितंबर आते ही लोगों में खौफ बैठ जाता है।
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11 सितंबर को 19 अल कायदा आतंकियों ने 4 पैसेंजर एयरक्राफ्ट हाईजैक किए थे, जिनमें से उन्होंने दो विमानों जानबूझकर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया था।
इस घटना में सवार सभी यात्री और इमारत के भीतर काम करने वाले हजारों लोग भी मारे गए थे। जानकारी के अनुसार, जिस वक्त विमान इमारतों से टकराए थे उस समय विमानों की स्पीड करीब 987.6 किमी/घंटा से अधिक थी।
दोनों इमारतें केवल 2 घंटे के भीतर ही ढह गई थी। पास की बुलडिंग भी नष्ट हो गईं थी, इसके बाद आतंकियों ने तीसरे विमान को वॉशिंगटन डीसी के बाहर, आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन में टकरा दिया था।
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वाशिंगटन डीसी की ओर टारगेट किए गए चौथे विमान के कुछ यात्रियों एवं उड़ान चालक दल द्वारा विमान का नियंत्रण फिर से लेने के प्रयास के बाद विमान ग्रामीण पेंसिल्वेनिया में शैंक्सविले के पास एक खेत में क्रैश होकर गिरा। हालांकि, किसी भी उड़ान से कोई भी जीवित नहीं बच सका।
* मरने वालों में 400 पुलिस अफसर और फायरफाइटर्स भी शामिल थे।
* इस आतंकी हमले में मरने वालों में 57 देशों के लोग शामिल थे।
* मारे गए लोगों में केवल 291 शव ही ऐसे थे जिनकी ठीक से पहचान की जा सके।
* हमले के बाद भारतीय व्यापारियों ने हजारों टन मलबे को करीब 23 करोड़ रुपए में खरीदा था।
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