आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा जारी किया गया एक विशिष्ट पहचान पत्र है जोकि भारतीय नागरिकों को एक विशेष 12 अंकों की पहचान संख्या प्रदान करता है। लोग इसे UIDAI से प्राप्त करते हैं। आधार का उपयोग विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं में पहचान प्रमाण पत्र के रूप में उपयोग में लेते हैं, लेकिन किसी शख्स की मौत के बाद आधार का क्या करें आइए जानते हैं।
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किसी भी इंसान के मरने के बाद आधार कार्ड के उपयोग के लिए कोई विशेष प्रक्रिया नहीं होती है। हालांकि, सरकारी रिकॉर्ड्स को अपडेट करने और किसी भी संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए आधार कार्डधारक की मृत्यु की जानकारी को अपडेट करना बेहद जरूरी है। इसके लिए उस मृतक के परिजनों का क्या जरूरी कदम उठाने चाहिए, यहाँ इस विषय में बता रहे हैं:
मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करें – सबसे पहले परिजन उस मृत व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करें, जो स्थानीय नगर निगम या गांव में ग्राम पंचायत से बनवाया जा सकता है। इसके अलावा आप ऑनलाइन आवेदन भी crsorgi.gov.in पर कर सकते हैं।
आधार जारी करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को सूचित करें- आप ऑनलाइन भी सूचित कर सकते हैं या UIDAI के नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर जाकर भी उक्त व्यक्ति की मृत्यु की सूचना दे सकते हैं।
बैंक और अन्य संस्थानों को सूचित करें: यदि मृत व्यक्ति के आधार कार्ड का उपयोग बैंक खाते, पेंशन, या किसी अन्य सरकारी लाभों के लिए किया जा रहा था, तो उन संबंधित संस्थानों को भी सूचित करना आवश्यक है, ताकि कोई इसका गलत उपयोग ना कर सके।
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भविष्य में मृतक के परिजनों के साथ होने वाली किसी भी संभावित धोखाधड़ी से बचने के लिए ये बेहद महत्वपूर्ण है। फिलहाल, UIDAI अभी तक आधार को रद्द करने की कोई विशेष प्रक्रिया नहीं प्रदान करता है, लेकिन उस व्यक्ति की मृत्यु की सूचना(मृत्यु प्रमाणपत्र) देने से उसे लॉक जरूर कराया जा सकता है जिससे कोई दूसरा व्यक्ति उस मृतक के आधार का दुरुपयोग नहीं कर सकेगा।
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